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Sikkim Cloudburst: गृह मंत्रालय ने दी 44.80 करोड़ रुपये की राहत राशि, टीम जल्द करेगी प्रभावित इलाकों का दौरा

गृह मंत्रालय ने ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम का गठन किया है जिसके कारण 4 अक्टूबर को सिक्किम में तीस्ता नदी में जल प्रवाह में वृद्धि हुई है जिसके कारण बाढ़ आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य को राहत उपाय प्रदान करने में मदद करने के लिए राहत आपदा कोष को भी मंजूरी दे दी है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 06 Oct 2023 01:07 PM (IST)
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गृह मंत्रालय ने दी 44.80 करोड़ रुपये की राहत राशि

एएनआई, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (Glacial Lake outburst Flood, GLOF) के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का गठन किया है, जिसके कारण 4 अक्टूबर को सिक्किम में तीस्ता नदी में जल प्रवाह में वृद्धि हुई है, जिसके कारण बाढ़ आ गई है।

गृह मंत्रालय ने दिए 44.80 करोड़ रुपए 

— ANI (@ANI) October 6, 2023

गृह मंत्रालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य को राहत उपाय प्रदान करने में मदद करने के लिए साल 2023-24 के लिए सिक्किम को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Fund, SDRF) के केंद्रीय हिस्से की दोनों किश्तें, जो कि 44.80 करोड़ रुपये हैं, जारी करने की भी मंजूरी दे दी है।

IMCT टीम करेगी प्रभावित इलाकों का दौरा

गृह मंत्रालय ने बताया कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (Inter-Ministerial Central Team, IMCT) शीघ्र ही सिकिम के प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। आईएमसीटी के आकलन के आधार पर, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से सिक्किम को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता स्वीकृत की जाएगी।

गोड्डा के 2 मजदूर लापता और 50 फंसे

उत्तरी सिक्किम में बादल फटने से ल्होनक झील और तिस्ता नदी में आई बाढ़ में सैकड़ों लोग लापता हैं। इनमें गोड्डा के दो मजदूर मंसूर अंसारी व अनारुल अंसारी भी शामिल हैं। वहीं जिले के 50 से अधिक मजदूर चारों तरफ फैले मलबे के चलते जहां-तहां फंसे हुए हैं।

सभी मजदूर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रानीडीह गांव के रहने वाले हैं। सिक्किम में फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश भेजकर जान-माल की रक्षा की गुहार लगाई है।

दो साल पहले मिली थी झील फटने की चेतावनी

एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अपने अध्ययन में दो साल पहले ही चेतावनी दे दी थी कि सिक्किम की ग्लेशियर झील दक्षिण ल्होनक भविष्य में कभी भी फट सकती है और इससे काफी नुकसान हो सकता है। तीन-चार अक्टूबर की मध्यरात्रि को इस झील में विस्फोट से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 22 सैन्य कर्मियों सहित 102 अन्य लापता हो गए। इस बाढ़ से चुंगथांग बांध भी टूट गया था, इसी पर सिक्किम की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना बनी है।

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