Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

चीन के साथ सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं, हम पूरी तरह से तैयार हैं; सैन्य गतिरोध पर सेना प्रमुख का बड़ा बयान

21 दौर की वार्ता पूरी होने के बावजूद सीमा पर भारत और चीन के बीच स्थिति सामान्य नहीं है। हालांकि दोनों ही देश कूटनीतिक माध्यम से मुद्दे को हल करने में जुटे हैं। मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। कूटनीतिक वार्ता जारी है। इसके सकारात्मक संकेत भी मिल रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 01 Oct 2024 03:01 PM (IST)
Hero Image
Ladakh standoff: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच जारी सैन्य गतिरोध पर मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति स्थिर और संवेदनशील है, लेकिन सामान्य नहीं है।

दोनों देशों के मध्य जुलाई और अगस्त महीने में दो दौर की कूटनीतिक वार्ता भी हो चुकी है। कूटनीतिक वार्ता के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। मगर जमीनी स्तर पर कूटनीतिक फैसले को लागू करना दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। सेना प्रमुख मंगलवार को चाणक्य डिफेंस डॉयलॉग को संबोधित कर रहे थे।

यह भी पढ़ें: इजरायल से जमीनी मुकाबले के लिए हिजबुल्ला तैयार, बना लिया सीक्रेट प्लान! कहा- 2006 की तरह मिलेगा जवाब

सेना पूरी तरह से तैयार है

सेना प्रमुख ने कहा, "हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थित बहाल हो। जब तक स्थिति बहाल नहीं होती है तब तक संवेदनशीलता बनी रहेगी। सेना किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति का सामना करने को पूरी तरह तैयार हैं।"

चीन से मुकाबला करना होगा

सेना प्रमुख ने कहा, "जहां तक ​​चीन का सवाल है, यह काफी समय से हमारे दिमाग में कौंध रहा है। मैं कहता रहा हूं कि चीन के साथ आपको प्रतिस्पर्धा करनी होगी। आपको सहयोग करना होगा। आपको सह-अस्तित्व में रहना होगा। टकराव करना होगा और मुकाबला करना होगा।"

 सीमा पर 2020 से जारी है गतिरोध

भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। अभी तक यह गतिरोध जारी है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्ते बेहद बिगड़ गए। भारत स्पष्ट कह चुका है कि जब तक सीमा पर गतिरोध खत्म नहीं होगा तब तक चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।

21 दौर की बातचीत हो चुकी

दोनों देशों के बीच अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की बातचीत हो चुकी है। कुछ प्वाइंट से चीन की सेना पीछे भी हटी है। मगर भारत देपसांग और डेमचोक क्षेत्र से पीछे हटने का दबाव बना रहा है। बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में सैन्य गतिरोध खत्म करने के मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें: आसान नहीं हिजबुल्लाह से इजरायल की जमीनी जंग, IDF को इन चुनौतियों का करना पड़ेगा सामना; कहीं घिर न जाए नेतन्याहू की फौज!