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तकनीकी और पेशेवर कामगारों की मांग के लिए फिर होगी स्किल गैप स्टडी, मांग और आपूर्ति के अंतर पर रहेगा जोर

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दूसरा चरण शुरू करने वाला है। इसके साथ ही कौशल प्रशिक्षण और रोजगार की गति बढ़ाने के लिए कसरत फिर तेज हो गई है। इसी दिशा में मंत्रालय के अधीन कार्यरत मैनेजमेंट-एंटरप्रेन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (एमईपीएससी) तकनीकी और पेशेवर कामगारों को लेकर स्किल गैप स्टडी कराने जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 14 Aug 2023 07:10 PM (IST)
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कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दूसरा चरण शुरू करने वाला है। फाइल फोटो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दूसरा चरण शुरू करने वाला है। इसके साथ ही कौशल प्रशिक्षण और रोजगार की गति बढ़ाने के लिए कसरत फिर तेज हो गई है। इसी दिशा में मंत्रालय के अधीन कार्यरत मैनेजमेंट-एंटरप्रेन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (एमईपीएससी) तकनीकी और पेशेवर कामगारों को लेकर स्किल गैप स्टडी कराने जा रहा है।

दस वर्षों में चार लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य

मालूम हो कि एमईपीएससी तकनीकी और पेशेवर कामगार तैयार करने के लिए काम करती है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की इस इकाई का लक्ष्य अगले दस वर्षों में निर्धारित पचास योग्यताओं में 4.75 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का है। इसके साथ ही 550 प्रशिक्षक भी तैयार किए जाने हैं।

रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) किया गया आमंत्रित

अपने इस काम को आगे बढ़ाने के लिए काउंसिल ने स्किल गैप स्टडी कराने का निर्णय लिया है, ताकि प्रशिक्षित कर युवाओं को देश और विदेश में मांग के अनुरूप रोजगार के लिए भेजा जा सके। इसी उद्देश्य के साथ हाल ही में रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) आमंत्रित किया गया है। यह अध्ययन खास तौर पर कार्यालय प्रबंधन एवं पेशेवल कौशल, प्रशिक्षण एवं आकलन का कौशल, शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण के अतिरिक्त नौकरी, उद्यमशीलता और निजी सुरक्षा क्षेत्र में कराया जाना है।

उद्योग समूहों के साथ आयोजित होगी कार्यशालाएं

इस अध्ययन के लिए तय किया गया है कि कम से कम एक हजार युवाओं से बात कर विस्तार से उनकी अपेक्षाओं को समझा जाएगा। इसी तरह कम से कम 500 उद्योग समूह या संस्थाओं के साथ विमर्श और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इस सुझाव और विमर्श की प्रक्रिया को देश को पांच भागों पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और मध्य में बांटा जाएगा।

अगले पांच वर्षों के लिए किए जाएंगे एक्शन प्लान तैयार

अध्ययन के माध्यम से यह आकलन करने का भी प्रयास है कि 2023 से 2030 तक सेक्टरवार मानव श्रम की क्या आवश्यकता और उपलब्धता होगी? सर्वे करने वाली एजेंसी से ऐसे सुझावों की भी अपेक्षा की गई है, जिनके आधार पर अगले पांच वर्ष के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा सके। मंत्रालय यह अध्ययन अगले चार से पांच माह में पूरा करा लेना चाहता है।