गांवों में सुस्त ''डिजिटल इंडिया'', धरातल से दूर ई-पंचायतें; सिर्फ 80742 में ही इंटरनेट कनेक्टिविटी
मोदी सरकार गांवों के विकास और ग्रामीणों को सुविधाएं दिलाने के लिए ई-पंचायत की अवधारणा के साथ काम कर रही है लेकिन इन प्रयासों के उम्मीद के मुताबिक परिणाम अभी तक सामने नहीं आ सके हैं। सिर्फ 80742 ग्राम पंचायतों में अभी तक इंटरनेट सेवा उपलब्ध है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 27 Mar 2023 09:55 PM (IST)
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने की दिशा में जो कदम बढ़ाया है, फिलहाल उसकी रफ्तार काफी सुस्त है। शहरी निकायों में बढ़ते जा रहीं आनलाइन सेवाओं के इतर गांवों में स्थिति बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। पंचायतीराज मंत्रालय के ही आंकड़े इस तस्वीर को बयां कर रहे हैं कि देशभर की कुल 271102 ग्राम पंचायतों में से सिर्फ 80742 निकायों में ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी है। यह दीगर बात है कि कम्प्यूटर 219889 पंचायतों में खरीदकर रख लिए गए हैं।
सिर्फ 80742 ग्राम पंचायतों में अभी तक इंटरनेट सेवा उपलब्ध
मोदी सरकार गांवों के विकास और ग्रामीणों को सुविधाएं दिलाने के लिए ई-पंचायत की अवधारणा के साथ काम कर रही है, लेकिन इन प्रयासों के उम्मीद के मुताबिक परिणाम अभी तक सामने नहीं आ सके हैं। सभी राज्यों की मिलाकर कुल 2.71 लाख ग्राम पंचायतों में से सिर्फ 80742 ग्राम पंचायतों में अभी तक इंटरनेट सेवा उपलब्ध है। संसद की स्थायी समिति ने इस स्थिति को लेकर चिंता जताई है, जिस पर मंत्रालय की ओर से आश्वस्त किया गया है कि हम टेलीकाम एवं आइटी मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
ई-पंचायतों के लक्ष्य को समय से पूरा करने का सुझाव
अगले छह माह में बेहतर प्रगति के साथ अगले दो वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सेवा से जोड़ने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। पहाड़ी क्षेत्र, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में भी भारतनेट के साथ मिलकर 2025 तक इंटरनेट सेवा पहुंचा दी जाएगी। राज्यवार कुछ आंकड़े देखें तो कई बड़े राज्यों की स्थिति काफी खराब है। मसलन, उत्तर प्रदेश के 58189 स्थानीय ग्रामीण निकायों में से सिर्फ 5014 में ही इंटरनेट कनेक्शन है।आंध्रप्रदेश के 13325 में से 1755 में सुविधा है। मध्यप्रदेश की 23066 में से सिर्फ 3555 में ही इंटरनेट कनेक्शन है। वहीं, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य इनकी तुलना में कुछ बेहतर हैं। गुजरात के 14359 निकायों में से 11167 में तो महाराष्ट्र में 27923 में से 10000 में सुविधा दी जा चुकी है। संसदीय समिति ने ग्राम पंचायतों को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए ई-पंचायतों के लक्ष्य को समय से पूरा करने का सुझाव दिया है।