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Periods Paid Leave को लेकर मनोज झा पर भड़कीं स्मृति ईरानी, पूछा- ...किस समलैंगिक पुरुष को आते हैं पीरियड्स

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने मासिक धर्म स्वच्छता नीति का विरोध किया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि महिलाओं को कार्यस्थल पर इसकी वजह से भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़े। स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर और भी बहुत कुछ कह सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 22 Dec 2023 06:59 PM (IST)
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केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (फाइल फोटो)
एएनआई, नई दिल्ली। Menstrual Hygiene Policy: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने मासिक धर्म स्वच्छता नीति का विरोध किया, क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि महिलाओं को कार्यस्थल पर इसकी वजह से भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़े।

क्या कुछ बोलीं स्मृति ईरानी?

स्मृति ईरानी का मानना है कि पीरियड्स कोई 'बाधा' नहीं है और पीरियड्स के दौरान पेड लीव की जरूरत के लिए किसी विशेष नीति की आवश्यकता नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैंने संसद में बात की तो मैंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर बात की, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को परेशान किया जाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस सवाल की वजह से यह बयान आया उसका उद्देश्य या तो चकित करना, उकसाना या फिर ध्यान आकर्षित करना था। उन्होंने कहा कि संसद में मैंने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बात की, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को परेशान किया जाए। उन्होंने कहा,

मैं इस मुद्दे पर और भी बहुत कुछ कह सकती थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि जिन्होंने सवाल पूछा था उनका इरादा कभी भी महिलाओं की परेशानियों का समाधान खोजने का नहीं था।

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मनोज झा पर बरसीं स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि मुझे बताइये, माननीय सदस्य LGBTQIA समुदाय को लेकर टिप्पणी चाहते थे, लेकिन गर्भाशय के बिना किस समलैंगिक पुरुष को पीरियड्स आते हैं?

उन्होंने कहा कि इस सवाल का मकसद उकसाना या फिर ध्यान आकर्षित करना था। उन्होंने ऐसा ही किया, लेकिन सवाल अपने आप में बताता है कि इरादा क्या है। दरअसल, 13 दिसंबर को मनोज झा ने मासिक धर्म नीति को लेकर सवाल उठाया था।

स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि राज्यसभा सांसद मनोज झा मासिक धर्म नीति पर झूठ बोलने की वजह से परेशानी में आ सकते हैं। उन्होंने कहा,

दूसरा मुद्दा यह है कि मनोज झा कहते हैं कि बिहार में पीरियड्स लीव की नीति है। उन्होंने यह बात सदन में कही थी। 

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उन्होंने कहा कि बिहार में निजी क्षेत्र की कोई नीति नहीं है, झूठ बोलने पर कुर्सी उनकी खिंचाई कर सकती है।बिहार में 1992 में महिलाओं के लिए निजी नहीं, बल्कि सरकारी नौकरियों में पेड लीव की नीति लागू की गई थी।