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Aditya L1 Mission: इसरो कब लॉन्च करेगा आदित्य एल-1, कितना होगा बजट और चंद्रयान से कितना है अलग? पढ़ें सब कुछ

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद अब इसरो की नजर सूरज पर है। वह जल्द ही अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L-1) को लॉन्च करेगा। इसके जरिए सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठेगा। ऐसे में यह सवाल मन में आता है कि आदित्य एल-1 को कब लॉन्च किया जाएगा इसका बजट कितना है और इसका उद्देश्य क्या है? पढ़ें इन सभी सवालों के जवाब...

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 29 Aug 2023 10:16 AM (IST)
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Solar Mission Aditya L1: अब सूरज पर इतिहास रचेगा इसरो
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Solar Mission Aditya L1: चांद को मुट्ठी में कर लिया है... अब सूरज की बारी है... जी हां, हमारे देश के वैज्ञानिकों का इरादा और दृढ़ संकल्प यही दर्शाता है। यही वजह है कि भारत चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के जरिए इतिहास रचने के बाद अब अपने पहले सोलर मिशन (Solar Mission Aditya L1) को भी लॉन्च करने जा रहा है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।

आदित्य एल-1 कब लॉन्च होगा? (Aditya L1 Mission Kab Launch Hoga)

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च करने की तारीख सामने आ गई है। आदित्य एल-1 को दो सितंबर के दिन सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने 28 अगस्त को इसका एलान किया।

आदित्य एल-1 को लॉन्च करने का मकसद क्या है?

आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता है। इसके साथ ही, वह कोरोना से बड़े पैमाने पर निकलने वाली ऊर्जा के रहस्यों से भी पर्दा उठाना चाहता है।

इसके अलावा, आदित्य एल-1 के जरिए इसरो आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी और अंतरिक्ष के मौसम की गतिशीलता के बारे में जानकारी इकट्ठा करना चाहता है। इसके साथ ही, वह सौर वातावरण से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्रों के बड़े पैमाने पर विस्फोट का अध्ययन करना चाहता है।

पृथ्वी से सूर्य कितनी दूरी पर है?

आदित्य एल-1 सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएगा। इसे 15 लाख किमी दूर लैंग्रेज बिंदु यानी एल-1 तक पहुंचने में चार महीने लगेंगे। आदित्य एल-1 को लैंग्रेज बिंदु की पास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। लैंग्रेज बिंदु का मतलब अंतरिक्ष में मौजूद उस प्वाइंट से होता है, जहां दो अंतरिक्ष निकायों जैसे सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षण और प्रतिकर्षण का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इतावली-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुइस लैंग्रेंज के नाम पर इसका नामकरण किया गया है।

कितने पेलोड लेकर जाएगा आदित्य एल-1?

आदित्य एल-1 सात पेलोड लेकर अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। इन पेलोड के जरिए इसरो को फोटोस्फेयर (प्रकाश मंडल), क्रोमोस्फेयर यानी सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपर की सतह और कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परत) के अध्ययन में मदद मिलेगी।

आदित्य एल-1 को कहां से लॉन्च किया जाएगा?

आदित्य एल-1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी57 के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले चंद्रयान-3 को भी यहां से लॉन्च किया गया था।

आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग को कैसे देख सकते हैं?

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर लोगों के उत्साह को देखते हुए इसरो ने एक लिंक जारी किया है। इस लिंक https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp के जरिए लोग आवेदन कर श्रीहरिकोटा के लांच व्यू गैलरी से लॉन्चिंग देख सकते हैं। इसरो के मुताबिक, पंजीकरण की जल्द शुरुआत की जाएगी।

आदित्य एल-1 मिशन का बजट कितना है? (Aditya L1 mission Cost)

आदित्य एल-1 मिशन का बजट करीब 400 करोड़ रुपये हैं। आदित्य एल-1 को दिसंबर 2019 से बनाना शुरू किया गया था।

चंद्रयान-3 को कब लॉन्च किया गया?

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस सेंटर से एलवीएम-3 के जरिए लॉन्च किया गया था। यह 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर लैंड किया। इसी के साथ भारत चौथा देश बन गया, जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की हो। इसी के साथ भारत ने नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

चंद्रयान-3 से आदित्य एल-1 किस तरह अलग है?

चंद्रयान-3 जहां चांद के रहस्यों से पर्दा उठाएगा, वहीं आदित्य एल-1 सूर्य के राज को दुनिया के सामने खोलेगा। सूर्य के उन रहस्यों से पर्दा उठेगा, जिससे दुनिया अब तक अनजान है।