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सैनिक का होगा कोर्ट मार्शल, चंद पैसों के लिए देश से गद्दारी; पाकिस्तान को दी थी खुफिया जानकारी

भारतीय सेना के एक सैनिक के खिलाफ जल्द कोर्ट मार्शल कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक यह सैनिक नई दिल्ली के पाकिस्तानी दुतावास के एक आईएसआई एजेंट को गुप्त जानकारी देता है। इसने ड्यूटी पर तैनात गार्ड की लिस्ट भी दुश्मनों की दी।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 18 Feb 2023 03:56 PM (IST)
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भारतीय सेना के सैनिक के खिलाफ होगी कोर्ट मार्शल कार्रवाई
नई दिलली, एएनआई। भारतीय सेना अपने एक सैनिक के खिलाफ कोर्ट-मार्शल कार्रवाई शुरू करने जा रही है। दरअसल, कथित तौर पर सैनिक ने नई दिल्ली के पाकिस्तानी दुतावास में रह रहे एक आईएसआई एजेंट को उत्तरी सीमाओं समेत सभी सैन्य गतिविधियों की गुप्त सूचनाएं देने का आरोप है।

कुछ दिनों में शुरू होगा कोर्ट मार्शल

आरोपी सिग्नलमैन (धोबी) अलीम खान चीनी सीमा के करीब एक फॉरमेशन में फिल्ड पर तैनात था और वहीं से यह नई दिल्ली के पाकिस्तानी दुतावास में गुप्त सूचनाएं भेजता था। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस सैनिक के खिलाफ अगले दो-चार दिनों में कोर्ट-मार्शल की कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी देने के लिए मिले थे 15000 रुपये

सुरक्षा एजेंसी ने पाया कि आरोपी पाकिस्तानी दुतावास में रहने वाले जासूस आबिद हुसैन उर्फ नाइक आबिद को सूचना दिया करता था। आपको बता दें, आबिद हुसैन इस्लामिक गणराज्य के उच्चायोग में कार्यरत है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसी को पहले ही शक हो गया था, जो जांच के दौरान साफ हो गया। बताया जा रहा है कि इस सैनिक को पाकिस्तानी दुतावास की ओर से सूचना देने के लिए 15000 रुपये दिए गए थे।

चीनी सेना पर निगरानी रखने वाले उपकरणों तक पहुंचने की कोशिश

सूत्रों ने बताया कि यह सूचना उस दौरान दी गई थी, जब उत्तर के विरोधी नियंत्रण रेखा की ओर आक्रमक हो रहे थे। दरअसल, उस स्थिति में थोड़ी-सी जानकारी भी विरोधियों के लिए मददगार साबित हो सकती थी और भारतीय सेना खतरे में पड़ सकती थी। सूत्रों ने बताया की सैनिक के पास सिर्फ छोटी-छोटी जानकारियां होती थी। सेना इस तरह की हरकतों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और तुरंत ही सैनिक के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

दुश्मन जासूस को दी थी फॉर्मेशन ड्यूटी की पूरी लिस्ट

सैनिक ने दुश्मन की जासूसी एजेंसी को ऐसे दस्तावेज दिए थे, जिसमें फॉर्मेशन गार्ड ड्यूटी की जानकारी शामिल थी। इतना ही नहीं, उस सैनिक ने अपने फॉर्मेशन के सैनिकों की ड्यूटी की सारी जानकारी उस लिस्ट में दी थी। सूत्रों ने बताया कि आरोपी सैनिक चीनी सीमा की निगरानी रखने वाले सैटेलाइट्स के साथ ही रडार और इस तरह के सभी उपकरणों तक पहुंचने की भी कोशिश कर रहा था, लेकिन इसमें उसे कामयाबी नहीं मिली थी।

पैसों के लिए किया ऐसा काम

आपको बता दें, ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें सैनिकों को वर्चुअली हनी ट्रैप किया गया और उन्हें जानकारी देने के लिए ब्लैकमेल भी किया जाता था। हालांकि, इस मामले में हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग जैसा कोई सबूत नहीं मिला है, यह अपनी मर्जी से और पैसों के लिए किया गया था।

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