बुरी तरह से डेंगू की गिरफ्त में यह राज्य, स्थिति और भी हो सकती है भयावह
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के एक अधिकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में यह और भी बड़े पैमाने पर अपना पांव पसारने वाला है।
नई दिल्ली। बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसकी वजह से डेंगू जैसी बीमारियां अपना पांव पसारने लगती हैं। मौजूदा समय में केरल बुरी तरह से इसकी चपेट में है। मच्छरों के कारण वायरल फीवर हो जाता है, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होने लगता है और यहां तक कि समय पर इलाज नहीं कराया गया तो शख्स की मौत तक हो जाती है।
यहां के तिरुवंतपुरम और पलक्कड़ जिले तो सबसे ज्यादा डेंगू की गिरफ्त में हैं, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भी ज्यादा बुरी स्थिति देखने को मिल सकती है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के एक अधिकारी ने बताया कि हम करीब से डेंगू की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में यह और भी बड़े पैमाने पर अपना पांव पसारने वाला है। मानसून के दौरान वेक्टर (वायरस) से पैदा होने वाली बीमारी हमारी निगरानी सूची में शीर्ष पर होती है और इस साल चिकनगुनिया की तुलना में डेंगू का प्रकोप कहीं ज्यादा बड़ा होगा।
16 जुलाई तक 23 हजार मामले और 32 मौतों की पुष्टि हुई है, इसमें से 11, 581 मामले व 20 मौतें केरल से हैं। पूरे दक्षिण भारत में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियर एंड बायोटेक्नॉलिजी में वेक्टर बॉर्न डिजीज ग्रुप के डॉ. सुजाता सुनील ने बताया कि बेहतर प्रबंधन व शुरुआत में ही इलाज के बावजूद पिछले दशक में डेंगू मच्छर जनित बीमारियों में सबसे ज्यादा जानलेवा बीमारी के रूप में उभरकर सामने आया है।
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