चालू खरीफ सीजन में तीन प्रतिशत बढ़ी धान की बोआई, दलहन का रकबा 10 प्रतिशत घटकर 85.85 लाख हेक्टेयर हुआ
धान खरीफ की मुख्य फसल है जिसकी बोआई आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत खरीफ सत्र से आता है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार श्री अन्न या मोटे अनाज का रकबा 21 जुलाई तक बढ़कर 134.91 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल इसी अवधि में 128.75 लाख हेक्टेयर था।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Mon, 24 Jul 2023 07:46 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई: चालू खरीफ सत्र (ग्रीष्मकालीन बोआई) में 21 जुलाई तक धान की बोआई का क्षेत्रफल तीन प्रतिशत बढ़कर 180.2 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि दलहन का रकबा 10 प्रतिशत घटकर 85.85 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल इसी अवधि में धान का रकबा 175.47 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 95.22 लाख हेक्टेयर था।
धान खरीफ की मुख्य फसल
धान खरीफ की मुख्य फसल है, जिसकी बोआई आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत खरीफ सत्र से आता है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, श्री अन्न या मोटे अनाज का रकबा 21 जुलाई तक बढ़कर 134.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 128.75 लाख हेक्टेयर था।
तिलहन का रकबा बढ़ा
गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का रकबा बढ़कर 160.41 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 155.29 लाख हेक्टेयर था। मूंगफली का रकबा 34.56 लाख हेक्टेयर से थोड़ा बढ़कर 34.94 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं सोयाबीन का रकबा 111.31 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 114.48 लाख हेक्टेयर हो गया है।कपास के रकबे में मामूली गिरावट
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कपास का रकबा 109.99 लाख हेक्टेयर से मामूली गिरावट के साथ 109.69 लाख हेक्टेयर रह गया। गन्ने का रकबा 53.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 56 लाख हेक्टेयर रहा। सभी प्रमुख खरीफ फसलों का कुल रकबा शुक्रवार (21 जुलाई) तक बढ़कर 733.42 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 724.99 लाख हेक्टेयर था।