सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को हो सकता है Space Anemia, रेड ब्लड सेल्स से लेकर DNA तक का बढ़ा खतरा
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से कई स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से आंखों हृदय प्रणाली हड्डियों और पूरे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। विशेषज्ञ अंतरिक्ष यात्रियों के डीएनए के लिए भी खतरे की बात कर रहे हैं। साथ ही स्पेस एनीमिया होने का खतरा बता रहे है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतवंशी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर फंसी हुई हैं। वह बोइंग के स्टारलाइनर से लौटेंगी या स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से इस पर फैसला बाकी है। अगर स्पेसएक्स के यान से लौटती हैं, तो अगले वर्ष फरवरी तक वहीं रुकना पड़ेगा।
अगर लंबे समय तक रुकना पड़ा तो...
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगर लंबे समय तक रुकना पड़ा, तो माइक्रोग्रैविटी के प्रति जोखिम बढ़ने और स्पेस एनीमिया होने का खतरा है। विशेषज्ञों ने कहा कि माइक्रोग्रैविटी हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की गिनती को कम कर सकती है, जो पूरे शरीर में आक्सीजन और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए आवश्यक है।
5 जून से अंतरिक्ष पर सुनीता
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पांच जून को आइएसएस पर पहुंचे थे। उन्हें आठ दिनों में ही वापस लौटना था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस एनीमिया हो जाता है, तो उनकी ऊर्जा, शक्ति और सहनशक्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।क्या है स्पेस एनीमिया?
स्पेस एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं समय से पहले नष्ट हो जाती हैं। कुल मिलाकर इसका प्रभाव यह होता है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान जितनी लाल रक्त कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, उससे कहीं अधिक नष्ट हो जाती हैं। यह स्थिति न केवल अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के दौरान, बल्कि पृथ्वी पर लौटने पर भी अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
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