Space Missions: लगभग आधे चंद्रमा मिशन फेल हो जाते हैं, अंतरिक्ष अभी भी इतना कठिन क्यों है?
भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके खगोलिय वैज्ञानिकों को एक बहस का सकारात्मक मुद्दा दे दिया है। भारत से यह सफलता कोई पहली बार में नहीं हासिल की है इससे पहले साल 2019 में भारत ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान उतारने का प्रयास किया थाल लेकिन उसमें असफलता हाथ लगी थी। मगर अब इसरो जीत के साथ वापस लौट आया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 02:43 PM (IST)
जागरण, ऑनलाइन डेस्क। भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके खगोलिय वैज्ञानिकों को एक बहस का सकारात्मक मुद्दा दे दिया है। भारत से यह सफलता कोई पहली बार में नहीं हासिल की है, इससे पहले साल 2019 में भारत ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान उतारने का प्रयास किया थाल लेकिन उसमें असफलता हाथ लगी थी। मगर, अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो जीत के साथ वापस लौट आया है।
भारत की यह शानदार सफलता और खास हो जाती है क्योंकि रूस का लूना भी चंद्रमा फतह करने निकला था लेकिन उसके हाथ विफलता लगी। रूस के लूना 25 मिशन ने चांद पर उतरने पा प्रयास किया मगर चंद्रमा की सतह से टकरा कर क्रैश हो गया।भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग और रूस के हालिया लूना मिशन की असफलता और चांद पर कदम रखने के लगभग 60 साल बाद भी अंतरिक्ष उड़ान अभी भी काफी कठिन और खतरनाक है। विशेष तौर से चंद्रमा मिशन अभी भी एक सिक्का उछालने जैसा है और हमने हाल के सालों में कई हाई-प्रोफाइल विफलताएं देखी हैं।
चंद्रमा पर भेजे गए मिशन असफल क्यों हुए और कुछ सफल क्यों हुए? क्या अंतरिक्ष मिशन में सफलता हासिल करने वाले देशों और एजेंसियों की सफलता का कोई रहस्य है? आइए इन्हीं सवालों से जवाब ढूंढते हैं।
चांद पर कदम रखने वाले विशिष्ट देश
चंद्रमा एकमात्र खगोलीय पिंड है जहां अब तक मनुष्य पहुंच पाया है। यह लगभग 400,000 किलोमीटर की दूरी पर हमारा सबसे निकटतम ग्रह पिंड है। बावजूद इसके फिर भी केवल चार देशों ने चंद्रमा की सतह पर सफल "सॉफ्ट लैंडिंग" हासिल की है।यह ऐसी लैंडिंग थी जिसमें अंतरिक्ष यान बच गए। सबसे पहले संयुक्त रूस ने लगभग 60 साल पहले यानी फरवरी 1966 में लूना 9 मिशन चंद्रमा पर सुरक्षित उतरा था। इसके बाद अमेरिका ने भी कुछ सालों बाद ही चंद्रमा पर अपने मिशन को लैंड करवाने में कामयाब रहा।फिर साल 2013 में चांग 3 मिशन के साथ चीन भी इस क्लब में शामिल होने वाला अगला देश बन गया था। भारत चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ चौथआ देश बना है। इसके अलावा जापान, संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल, यूरोपीय स्पेस एजेंसी, लक्ज़मबर्ग, दक्षिण कोरिया और इटली ने भी चंद्रमा पर अपने मिशन भेजे हैं लेकिन किसी के हाथ सफलता हाथ नहीं लगी।