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Gaganyaan Mission: 'जल, थल और वायु क्षेत्रों पर अपना प्रभाव डालेगा अंतरिक्ष', गगनयान मिशन पर क्या बोले CDS अनिल चौहान?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि युद्ध के लिहाज से भविष्य में अंतरिक्ष क्षेत्र वायु समुद्री और थल क्षेत्रों पर अपना प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इस अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत दुनिया में प्रमुख सेवा प्रदाताओं में से एक के रूप में उभरेगा। कुछ साल पहले तक जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी अब वो हो रहा है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 18 Apr 2024 08:48 PM (IST)
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जनरल चौहान बोले- भारत जल्द इस क्षेत्र में दुनिया के प्रमुख सेवा प्रदाता के रूप में उभरेगा। फाइल फोटो।
पीटीआई, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि युद्ध के लिहाज से भविष्य में अंतरिक्ष क्षेत्र वायु, समुद्री और थल क्षेत्रों पर अपना प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इस अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत दुनिया में प्रमुख सेवा प्रदाताओं में से एक के रूप में उभरेगा। कुछ साल पहले तक जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी, अब वो हो रहा है।

रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे स्टार्टअप

उन्होंने कहा कि हमारे पास रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में कई अच्छे स्टार्टअप हैं जो रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे हैं। साथ ही कहा कि अंतरिक्ष कूटनीति जल्द ही वास्तविकता बन जाएगी। वे गुरुवार को दिल्ली के मानेकशा सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

भारत बनना चाहता है हिस्साः CDS

प्रसारित रिकार्डेड वीडियो संबोधन में जनरल चौहान ने भविष्य के युद्ध में अंतरिक्ष की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष को निर्णायक मोर्चा कहा जाता है। अंतरिक्ष का विस्तार अनंत है। अन्य सभी सीमाओं की तरह इसकी सीमा को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना मुश्किल है। अंतरिक्ष के रहस्य को समझने के लिए मानव जाति को अभी लंबा रास्ता तय करना है। भारत उस यात्रा का हिस्सा बनना चाहता है।

गगनयान कार्यक्रम पर क्या बोले जनरल अनिल चौहान?

उन्होंने भारत के गगनयान कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण ले रहे चार अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में भी बात की। जनरल चौहान ने कहा कि अंतरिक्ष को युद्ध के उभरते हुए क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। मेरा मानना है कि यह पहले से ही युद्ध का एक स्थापित क्षेत्र है। मेरा विश्वास इस विशेष क्षेत्र में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर आधारित है।

नए क्षेत्र में होती है प्रारंभिक स्पर्धा

युद्ध के इतिहास ने हमें सिखाया है कि किसी भी युद्ध में प्रारंभिक स्पर्धा आमतौर पर एक नए क्षेत्र में होती है। उन्होंने कहा कि नया क्षेत्र पुराने क्षेत्र की लड़ाइयों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में नौसैन्य शक्ति जमीनी लड़ाई को प्रभावित करने में सक्षम थी। बाद में वायु शक्ति ने थल और जल में युद्ध को प्रभावित किया। यह मेरा विश्वास है कि अब अंतरिक्ष वायु, समुद्री और भूमि क्षेत्र पर अपना प्रभाव डालेगा।

अंतरिक्ष को सबके लिए खुला बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में संप्रभुता की कोई अवधारणा नहीं हो सकती। कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष समीर वी कामत और सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शिकरत कर रहे हैं।

अंतरिक्ष में अग्रणी' बनने के लिए भारत के पास इच्छाशक्ति व साधन मौजूद: नौ सेनाध्यक्ष

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत के पास अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए इच्छाशक्ति, बुद्धिमत्ता और साधन मौजूद हैं। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह महसूस करना कोई राकेट साइंस नहीं है कि अमृत काल में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष संपत्ति की संकल्पना, निर्माण, शुरुआत और रखरखाव की क्षमता के साथ हमारे देश ने दुनिया को दिखाया है कि भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र बनाने वाले कुछ देशों में से एक के रूप में भारत ने अपनी पहचान बनाई है। आज भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र और वैज्ञानिक नए भारत की आत्मा और भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे आत्मनिर्भर भारत के रूप में अपनी पहचान पर गर्व है।

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