पत्रकार जे डे हत्याकांड में सजा का एलान, छोटा राजन समेत सभी दोषियों को उम्रकैद
अदालत ने छोटा राजन को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। राजन के अलावा आठ और दोषियों को उम्रभर में जेल में रहना होगा।
मुंबई, (मिड-डे)। जागरण ग्रुप के अखबार मिड-डे के पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या मामले में करीब सात साल बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने बुधवार को सजा का एलान किया है। अदालत ने छोटा राजन को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। राजन के अलावा आठ और दोषियों को उम्रभर में जेल में रहना होगा।जबकि अदालत ने पत्रकार जिग्ना वोरा और जोसेफ पाल्सन को बरी कर दिया है।
जे डे की बहन लीना डे ने दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, 'एक भी आरोपित बरी नहीं होना चाहिए। सभी को फांसी की सजा होनी चाहिए।' उन्होंने तल्ख लहजे में सवाल किया था, 'ऐसा क्यों है कि हम भुगत रहे हैं और वे (आरोपित) स्वतंत्र हैं और मजे कर रहे हैं।' उन्होंने अंदेशा जताया कि सभी आरोपित पावरफुल लोग हैं जिनके काफी संपर्क हैं। संभव है कि वे सभी बरी हो जाएं। लीना अभी भी अपने भाई की मौत के सदमे से उबर नहीं पाई हैं। उनकी मां का भी पिछले साल निधन हो गया था।
पत्रकार ज्योतिर्मय डे की 11 जून 2011 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पिछले सात साल से सुनवाई चल रही थी। इस बीच साल 2015 में छोटा राजन को इंडोनेशिया से गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद इस केस में सुनवाई तेज हुई। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मकोका कोर्ट में पेश होता रहा था। जांचकर्ताओं के अनुसार, छोटा राजन ने जे डे को मारने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अडकर ने 3 अप्रैल को फैसले की तारीख 2 मई तय की थी। इस मामले में डॉन राजेंद्र एस. निखलजे ऊर्फ छोटा राजन और मुंबई की पत्रकार जिग्ना वोरा आरोपी थे।
मामले की जांच पहले पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसकी जटिलता को देखते हुए इसे अपराध शाखा को सौंप दिया गया। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) से संबंधित विशेष अदालत ने इस मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी में शुरू की थी।
क्या है पत्रकार जेडे मर्डर केस?
ज्योर्तिमय डे मिड-डे अखबार के लिए इंवेस्टिगेटिव और क्राइम रिपोर्टिंग करते थे। 11 जून 2011 की दोपहर मुंबई के पवई इलाके में अंडरवर्ल्ड के शूटरों ने उनकी हत्या कर दी थी। जेडे के सीने पर 5 गोलियां मारी गई थी। घटना के वक्त जेडे बाइक से कहीं जा रहे थे। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया।
यह थी हत्या की वजह
जेडे हत्या से पहले अपनी तीसरी किताब 'चिंदी : राग्स टू रिचेस' लिख रहे थे। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे, जबकि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करते थे।
जांच के अनुसार पत्रकार डे अपनी पुस्तक लिखने के लिए राजन के प्रतिद्वंद्वियों सहित सभी क्वार्टरों से जानकारी एकत्र कर रहा था। उनकी बैठकों और प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत ने राजन और उनके सहयोगियों के दिमाग में संदेह पैदा किया। जब डे ने फिलीपींस और लंदन में एक बैठक के लिए राजन को बुलाया तो राजन का संदेह और भी गहरा हो गया। इसी वजह से छोटा राजन ने जेडे की हत्या करवाई।