डेंगू से निपटने के लिए विशेष हेल्पलाइन, अस्पताल में विशेष व्यवस्था; मरीजों की सुविधा के लिए उठाए जा रहे कड़े कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बुधवार को देश भर में डेंगू की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि बैठक का उद्देश्य मानसून की शुरुआत और डेंगू के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर डेंगू की रोकथाम नियंत्रण और प्रबंधन करने का रहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के दौरान डेंगू के खतरे से निपटने और आम जनता के बीच जागरूरता बढ़ाने के लिए एक केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर बनेगा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने डेंगू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान इसके निर्देश दिए। नड्डा ने सभी राज्यों से जल्द-से-जल्द इस हेल्पलाइन नंबर को चालू करने पर जोर दिया।
नड्डा ने पिछले दो दशक के दौरान डेंगू से निपटने में मिली सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों और स्थानीय निकायों के बीच समन्वय से इससे बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है। ध्यान देने की बात है कि 1996 में डेंगू के मामले में मौत की दर 3.3 प्रतिशत थी, जो 2024 में 0.1 प्रतिशत पहुंच गई।
'प्रभावित इलाकों में ज्यादा ध्यान हो केंद्रित'
समीक्षा बैठक के दौरान जेपी नड्डा ने पिछले सालों के डेंगू के मरीजों के आंकड़ों को देखते हुए सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में ज्यादा ध्यान केंद्रित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने एम्स समेत सभी केंद्रीय अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाने और उसमें प्रशिक्षित डाक्टर, कर्मचारी, जरूरी उपकरण व दवाएं उपलब्ध कराने को भी कहा।
सभी स्कूली बच्चों को करना चाहिए जागरूक
नड्डा ने कहा कि कहीं भी एकत्र हुए स्वच्छ पानी में पैदा होने वाले एडिस मच्छर के दिन में काटने से डेंगू होता है। शिक्षा विभाग और स्थानी निकायों को इसके लिए सभी स्कूली बच्चों को जागरूक करना चाहिए, ताकि वे पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। साथ ही कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें। इस दौरान अधिकारियों ने डेंगू के प्रति राज्यों को आगाह करने के लिए भेजी एडवाइजरी और समन्वय बैठकों की जानकारी दी।
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