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आईआईटी दिल्ली, एम्स सहित देश के चार संस्थानों में खुलेंगे एआई के विशिष्ट केंद्र, खर्च होंगे करीब 990 करोड़

स्वास्थ्य कृषि व शहरी ढांचे के विकास में एआई के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आइआइटी दिल्ली एम्स दिल्ली आइआइटी रोपड व आइआइटी कानपुर में एआई के विश्वस्तरीय विशिष्ट केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। अगले पांच सालों में इन केंद्रों पर करीब 990 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।प्रधान ने कहा कि देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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आईआईटी दिल्ली, एम्स सहित देश के चार संस्थानों में खुलेंगे एआई के विशिष्ट केंद्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्वास्थ्य, कृषि व शहरी ढांचे के विकास में एआई (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आइआइटी दिल्ली, एम्स दिल्ली, आइआइटी रोपड व आइआइटी कानपुर में एआई के विश्वस्तरीय विशिष्ट केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। अगले पांच सालों में इन केंद्रों पर करीब 990 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन केंद्रों को खोलने की घोषणा 2023-24 के बजट में की गई थी।

देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को इन विश्वस्तरीय एआई केंद्रों को खोलने का घोषणा की। इन सभी संस्थानों का चयन उनके अनुभव के आधार पर किया गया है। प्रधान ने कहा कि इन केंद्रों की स्थापना से आने वाले वर्षों में देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे।

कंपनियों में एआई के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाएगा

साथ ही कंपनियों में एआई के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आइआइटी दिल्ली व एम्स दिल्ली में एक विशिष्ट एआई केंद्र स्थापित होगा। जबकि कृषि के क्षेत्र में इसे बढ़ावा देने के लिए आइआइटी रोपड काम करेगा। जहां इसके लिए एक विशिष्ट एआई केंद्र खुलेगा।

कानपुर में भी एआई की एक विशिष्ट केंद्र खुलेगा

वहीं तेजी से बढ़ते शहरी ढांचे के विकास के लिए आइआइटी कानपुर में भी एआई की एक विशिष्ट केंद्र खुलेगा। यह सभी केंद्र अगले 20 सालों के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करेंगे। साथ ही युवाओं की प्रशिक्षण देंगे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग पर दिया जाएगा ध्यान

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब देश को टेलीकॉम सर्विस की जगह टेलीकॉम प्रोडक्ट व उपकरणों के निर्माता के रूप में पहचान दिलाने की तैयारी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग (एमएल) जैसे सेक्टर में भारत की ताकत व ज्ञान का मौद्रिकीकरण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 6G सेवा के विकास भी भारत दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है। इसलिए हम चाहते हैं कि भारत 6G सेवा से जुड़े अधिक से अधिक पेटेंट फाइलिंग करे और इस दिशा में कंपनी से लेकर स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थाएं काम कर रहे हैं। सिंधिया ने साफ किया कि सेटेलाइट स्पेक्ट्रम किसी को मुफ्त में नहीं दिया जाएगा। सिंधिया ने बताया कि पिछले 10 सालों में टेलीकॉम नेटवर्क में 1400 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वॉयस कॉल और इंटरनेट सेवा की दरों में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।