जानें- क्यों अचानक भारत-पाक के रिश्तों पर जमी बर्फ लगी पिघलने, पाकिस्तानी अखबार ने लगाए ये कयास
भारत और पाकिस्तान के बीच सुधरते संबंधों को लेकर कयासबाजी का दौर जारी है। इस बीच पाकिस्तान के अखबार ने दोनों देशों के सुधरते रिश्तों पर एक संपादकीय लिखा है जिसमें इसको लेकर कुछ कयास लगाए गए हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 06:35 PM (IST)
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आई गरमाहट की सुगबुगाहट हर जगह सुनाई और दिखाई दे रही है। दुनिया भर की मीडिया दोनों देशों के बीच आए इस बदलाव की वजह जानने के लिए भी बेकरार दिखाई दे रही है। रिश्तों में आई इस गरमाहट को पहली बार दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ आर्मी ऑपरेशन के बीच हुई बातचीत और फिर सीमा पर हुए सीजफायर से शुरू हुई थी।
काफी लंबे समय के बाद हॉटलाइन के माध्यम से हुई इस बातचीत ने लोगों के बीच ये सवाल पैदा किया कि अचानक ये कैसे हुआ। इसके बाद पाकिस्तान में आयोजित इस्लामाबाद सिक्योरिटी डायलॉग में जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जावेद कमर बाजवा ने बयान दिया उससे रिश्तों पर जमी धूल को हटाने में मदद मिली। इसके बाद पीएम मोदी ने बेहद कम अंतराल में दो बार पाकिस्तान के पीएम को पत्र लिखा। ये सभी कुछ बेहद जल्दी में हुआ घटनाक्रम था।
इन सभी पर कयास लगाने का दौर आज भी जारी है। इस बीच पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में कयास लगाया है कि शायद अमेरिका में बाइडन प्रशासन के बाद से ही दोनों देशों को संबंध सुधारने पर जोर दिया जा रहा था। अखबार ने अपने संपादकीय में ये भी लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के सुधरने का फायदा दूसरे देश भी उठाने की राह तक रहे हैं। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी द्वारा पाकिस्तान दिवस पर भेजा गया संदेश दोनों देशों के बीच बढ़े हुए तापमान को घटाने में सहायक साबित होगा।
अखबार ने लिखा है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। दोनों देशों के बीच जो मुद्दे हैं उन्हें भी सुलझाना आसान नहीं है। इसलिए संबंधों को मजबूती देने के लिए ये जरूरी है कि पहला कदम ही सोच समझकर बढ़ाया जाएगा। अखबार ने देानों देशों के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा दिये गए बयानों को तापमान को कम करने के लिए बेहतर बताया है। साथ ही ये भी कहा है कि खाड़ी देश दोनों देशों के बेहतर होते संबंधों पर खुश हैं।
संपादकीय में कहा गया है कि अब जरूरी है कि आगे की सुध ली जाए और निलंबित पड़े मसलों को सुलझाने पर जोर दिया जाए। हालांकि इसमें ये भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच कई बार ऐसा समय आया है जब संबंध बेहतर होते दिखाई दिए लेकिन इस प्रक्रिया में आई रुकावट के बाद सब खेल खराब हो गया। इसलिए इस बार कुछ अलग करने के लिए सोचना होगा।
देानों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने के लिए अखबार ने हर्ट ऑफ एशिया की कजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होने वाली बैठक को एक अहम पड़ाव माना है। अखबार के जरिए ये उम्मीद जताई गई है कि इस बैठक में दोनों देशों का सकारात्मक रुख दिखई देगा।