Manipur violence: फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाना माना जाएगा देशद्रोह
Manipur violence मणिपुर सरकार ने सोमवार को लोगों और संगठनों से कहा कि वे राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में फर्जी खबरें झूठ अफवाहें या गलत सूचना फैलाने और प्रकाशित करने से बचें अन्यथा उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इसे देशद्रोह माना जाएगा। राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 01 Aug 2023 05:30 AM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर सरकार ने सोमवार को लोगों और संगठनों से कहा कि वे राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में फर्जी खबरें, झूठ, अफवाहें या गलत सूचना फैलाने और प्रकाशित करने से बचें अन्यथा उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इसे देशद्रोह माना जाएगा।
गलत सूचना फैलाने पर देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति बहाली और हालात सामान्य करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
अधिसूचना में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो गलत इरादे से झूठी खबरें, अफवाहें या इसी तरह का कोई दुष्प्रचार करते पाया गया तो यह देशद्रोह के तहत आएगा और उससे सख्ती से निपटा जाएगा। झूठी खबरें और अफवाहें राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकती हैं।
बता दें कि मणिपुर में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेयी समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है जबकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी और नगा जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है। इंडिजनस ट्राइबल लीडर फोरम (आइटीएलएएफ) ने सोमवार को धमकी दी कि अगर राज्य सरकार मोरेह से पुलिस कर्मियों को तुरंत वापस नहीं बुलाती है तो मणिपुर के सभी आदिवासी जिलों में आंदोलन शुरू किया जाएगा।