Move to Jagran APP

हैदराबाद में छापेमारी में जब्त ड्रग्स छुपाने के आरोप में SSI गिरफ्तार, बेचने की कर रहा था कोशिश

हैदराबाद के एक पुलिस पर सब-इंस्पेक्टर पर छापेमारी के दौरान जब्त की गई ड्रग्स का कुछ हिस्सा छिपाने का आरोप लगा है जिसके चलते उसे गिरफ्तार किया गया है। साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट के साइबर क्राइम स्टेशन में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर के. राजेंद्र ने अपने पास लगभग 1775 ग्राम MDMA रखा था और वह उसे बेचने की कोशिश कर रहे था ।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 27 Aug 2023 06:20 PM (IST)
Hero Image
इससे पहले एसआई को पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
हैदराबाद, आइएएनएस। हैदराबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। एक पुलिस पर सब-इंस्पेक्टर पर छापेमारी के दौरान जब्त की गई ड्रग्स का कुछ हिस्सा छिपाने का आरोप लगा है, जिसके चलते उसे गिरफ्तार किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट के साइबर क्राइम स्टेशन में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर के. राजेंद्र ने अपने पास लगभग 1,775 ग्राम MDMA रखा था और उसे बेचने की कोशिश कर रहे थे। आपको बता दें कि पुलिस अधिकारी हाल ही में एक साइबर अपराध मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र गए थे औरव हां उन्होंने कुछ संदिग्धों को पकड़ा था।

संदिग्धों के घर की तलाशी में मिले ड्रग्स

जब पुलिस ने संदिग्धों के घर की तलाशी की। उस दौरान सब-इंस्पेक्टर को एमडीएमए ड्रग का एक पैकेट मिला था और उसे सब-इंस्पेक्टर ने अपने पास रख लिया था। अपने पास जब्त किए गए ड्रग के बारे में उन्होंने उच्च अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं दी।

टीएसएनएबी की जांच में सच आया सामने

इस बात की जानकारी मिलने पर तेलंगाना राज्य एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (टीएसएनएबी) ने जांच शुरू की। अधिकारियों ने टीएसएनएबी के निदेशक और हैदराबाद पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद को एक रिपोर्ट सौंपी। एसआई के खिलाफ रायदुर्गम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसके घर से ड्रग जब्त कर शनिवार को उसे गिरफ्तार किया। बाद में उसे न्यायिक रिमांड परभेजक

रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था

इससे पहले एसआई को पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। वह तब रायदुर्गम पुलिस स्टेशन में एसआई के रूप में कार्यरत थे। सितंबर 2022 में उसे मामले में दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद उसे सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिया गया था। हालांकि, एसआई ने ऊपरी अदालत से स्टे ले लिया था। बाद में उन्हें साइबर क्राइम विंग में ट्रांसफर कर दिया गया।