Caste Census: 'जनगणना का काम तुरंत करें शुरू', राष्ट्रव्यापी Caste Census की मांग ने पकड़ा जोर, CM स्टालिन ने पेश किया प्रस्ताव
Caste Census In Tamil Nadu तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पेश एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया जिसमें केंद्र सरकार से 2021 से लंबित दशकीय जनगणना के साथ-साथ देशव्यापी जाति जनगणना कराने का आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि वह इस बार जनगणना का काम तुरंत शुरू करे।
एएनआई, चेन्नई (तमिलनाडु)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बुधवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह जनगणना का काम तुरंत शुरू करे, साथ ही इस बार जाति आधारित जनसंख्या जनगणना भी करे।
प्रस्ताव आदेश में उल्लेख किया गया है कि सदन का मानना है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, अर्थव्यवस्था और रोजगार में समान अधिकार और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाने के लिए जाति आधारित जनसंख्या जनगणना आवश्यक है। इसलिए यह सदन सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से आग्रह करता है कि वह जनगणना कार्य तुरंत शुरू करे (जो वर्ष 2021 से होने वाला है) साथ ही इस बार जाति आधारित जनसंख्या जनगणना भी की जाए।
AIADMK के विधायकों ने सीएम स्टालिन से मांगा इस्तीफा
इससे पहले दिन में तमिलनाडु के विपक्ष के नेता (एलओपी) एडप्पादी पलानीस्वामी और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के कई विधायकों को पूरे विधानसभा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबन बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में पारित एक प्रस्ताव के बाद किया गया। यह निलंबन तब हुआ जब एआईएडीएमके विधायकों ने कल्लाकुरिची शराब त्रासदी को लेकर डीएमके सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के इस्तीफे की मांग की।अन्नाद्रमुक जाति जनगणना के पक्ष में
हालांकि, बुधवार को अन्नाद्रमुक ने कहा कि वे जाति जनगणना के पक्ष में हैं लेकिन वे कल्लाकुच्ची के पीड़ितों के प्रति अपना समर्थन दिखाना चाहते हैं। वहीं, स्पीकर ने कहा कि हम उस सामुदायिक जनगणना का बहिष्कार कर रहे हैं जिसके बारे में बात हो रही है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। हमारे विपक्ष के नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे पिछले AIADMK शासन में विभिन्न सामुदायिक दलों का बहुत प्रतिनिधित्व था। हमारे एडप्पादी पलानीसामी सर ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कुलसेकरन के नेतृत्व में एक समिति का गठन केवल इसी उद्देश्य के लिए किया था। हम स्पष्ट रूप से इसके पक्ष में हैं। हमने केवल कल्लाकुरिची के लोगों की आवाज़ बनने के लिए इसका बहिष्कार किया है।