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Sterling Biotech Case: घोटाला कर विदेश भागने वाला एक और गिरफ्तार, प्रत्यर्पण की उम्मीद

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक स्टर्लिंग बायोटेक केस में वांछित हितेश पटेल को अल्बानिया में हिरासत में लिया गया है। उसके खिलाफ 11 मार्च को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Fri, 22 Mar 2019 08:46 PM (IST)
Sterling Biotech Case: घोटाला कर विदेश भागने वाला एक और गिरफ्तार, प्रत्यर्पण की उम्मीद
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंदन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी के अगले ही दिन पांच हजार करोड़ रुपये के घोटाले के एक दूसरे आरोपी हितेश पटेल को अलबानिया में गिरफ्तार कर लिया गया। पटेल के खिलाफ पिछले हफ्ते ही इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था। ईडी के अनुसार हितेश पटेल की स्टर्लिग बायोटेक घोटाले में केंद्रीय भूमिका था और यह मुख्य आरोपी संदेसरा भाईयों का करीबी रिश्तेदार भी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 11 मार्च को ईडी के अनुरोध पर इंटरपोल ने हितेश पटेल के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया था। इसके आधार पर 20 मार्च को उसे अलबानिया की राजधानी तराना में गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी की टीम जल्द ही हितेश पटेल के प्रत्यर्पण की कोशिश के लिए अलबानिया जाएगी। वहीं उसके प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय ने भी कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिया है। सरकार की कोशिश है कि नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चौकसी की तरह हितेश पटेल के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अदालती कार्रवाई में नहीं उलझे, बल्कि अलबानिया सरकार यूएई की तरह उसे सीधे भारत भेज (डिपोर्ट) कर दे।

स्टर्लिग बायोटेक के निदेशकों (नीतिन और चेतन संदेसरा) पर विभिन्न बैंकों से पांच हजार करोड़ रुपये का लोन लेकर विदेश भागने का आरोप है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्टर्लिग बायोटेक ने बैंकों से लोन लिया और उसके बाद 249 मुखौदा कंपनियों के माध्यम से उस पैसे को विदेश स्थित 100 कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया। जांच से यह भी साफ हुआ कि मुखौटा कंपनियों के मार्फत संदेसरा भाइयों ने 140 करोड़ रुपये नकद की निकासी और उसे अधिकारियों और बड़े राजनेताओं के बीच बांटा। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है।

स्टर्लिग बायोटेक घोटाले की खुलासा होने के पहले ही नीतिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ती संदेसरा और हितेश पटेल देश छोड़कर भाग गये थे। वैसे इस मामले की जांच कर रहे ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत संदेसरा भाइयों की 4710 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है और चार आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। लेकिन घोटाले की साजिश रचने वाले असली आरोपी बच गए थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हितेश पटेल की गिरफ्तारी से पूरे घोटाले से कई राज खुलने की उम्मीद है क्योंकि स्टर्लिग बायोटेक कंपनी की वित्तीय लेन-देन मुख्य रूप से वही देखता था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हितेश पटेल के साथ ही नीतिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ती संदेसरा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने के प्रयास किये जा रहे हैं और इसके लिए इंटरपोल को लिखा जा चुका है।