बिहार, बंगाल के बाद झारखंड में भी रामनवमी जुलूस के दौरान भड़की हिंसा, जमकर हुई पत्थरबाजी; कई घायल
Ram Navmi Clash रामनवमी पर हुई हिंसा की आग बंगाल और बिहार के बाद अब झारखंड तक पहुंच गई है। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने आसपास के रिहायशी इलाकों में घुसकर घरों और दुकानों पर पथराव किया। इसकी कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 01 Apr 2023 09:24 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। Ram Navmi Clash: रामनवमी पर हुई हिंसा की आग बंगाल और बिहार के बाद अब झारखंड तक पहुंच गई है। जमकर पथराव और फायरिंग हुई। दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई। तीनों ही शहर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
बिहार और बंगाल में हिंसा
बिहार में बिहारशरीफ और सासाराम में जमकर पथराव और फायरिंग हुई। इसमें सात लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सासाराम में निकाली गई शोभायात्रा के दूसरे दिन भी जमकर हिंसा हुई। लोगों ने दुकानों और वाहनों में आग लगा दी। बिहार के अलावा बंगाल में भी हिंसा की कई तस्वीरें देखने को मिली। हावड़ा के शिवपुर थाने के कांजीपाड़ा इलाके में 31 मार्च की दोपहर जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी। मुस्लिम बहुल इलाके में रामनवमी के दिन भी हिंसा हुई थी।
जमकर हुआ पथराव
मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों की भीड़ ने आसपास के रिहायशी इलाकों में घुसकर घरों और दुकानों पर पथराव किया। इसकी कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। हालात पर काबू पाने के लिए रैपिड एक्सशन फोर्स को बुलाना पड़ा। इस बीच पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया और इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। बंगाल में 30 मार्च को हुई हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया है।
झारखंड में भड़की हिंसा
रामनवमी जुलूस पर हुई हिंसा की आग झारखंड में भी देखने को मिली। पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड स्थित हल्दीपोखर में मुस्लिम युवकों ने पथराव करना शुरू कर दिया। करीब 5 लोग घायल हुए है। पुलिस ने बताया कि अभी स्थिति शांतिपूर्ण है। पूर्वी सिंहभूम, उपायुक्त ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, हल्दीपोखर और जिले के अन्य हिस्सों में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। पर्याप्त फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल धारा 144 लगाने की जरूरत नहीं है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।हिंसा में विजय बजरंग के महावीर झंडे को भी नुकसान पहुंचा। झंडे को नुकसान पहुंचने से विरोध और बढ़ गया। मुस्लिम समुदाय ने झंडे को रोकने के लिए पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे दो गुटों के बीच भगदड़ मच गई। इस हिंसा में अंचल अधिकारी (सीओ) इम्तियाज अहमद, मुखिया देवी कुमारी भूमिज, जैप के दो हवलदार नंदलाल हाजरा व संदेश राम, हल्दीपोखर पश्चिम के पूर्व मुखिया सैयद जबीउल्लाह आदि घायल हो गए। पुलिस अधिकारी-जवान माहौल को शांत करने का प्रयास कर रहे थे, जबकि आसपास की छत पर तैनात पुलिसकर्मी पथराव की वीडियो बना रहे थे। इस पथराव में कई महिलाओं को भी चोट लगी है।