अप्रैल महीने में दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हीटवेव चलने की संभावना जताई गई है।
हाल ही में साइंस एडवांस जर्नल में छपे एक शोध के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हीट वेव के दिनों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को ज्यादा दिनों तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
2016 के बाद से बढ़ी हीटवेव
रिपोर्ट के मुताबिक 1979 से 1983 तक, पूरी दुनिया में हीट वेव की लहरें औसतन आठ दिनों तक चलती थीं, लेकिन 2016 से 2020 तक यह 12 दिनों तक बढ़ गई हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को पूर्वानुमान जताया है कि अप्रैल से जून तक देश का 85% हिस्सा हीटवेव (जबरदस्त गर्मी) के कई दौर देखेगा। इससे तापमान सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा रह सकता है। 2023 में यह आंकड़ा 60% तक था। अगले हफ्ते से ही तापमान 2 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है।
सबसे ज्यादा असर राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में नजर आएगा। इस दौरान लू का एक दौर भी लगातार 20 दिन चल सकता है। सामान्यतः इन महीनों में 4 से 8 दिन लू चलती है, पर इस बार 23 राज्य 10 से 20 दिन का दौर देखेंगे। इससे पहले लू का सबसे लंबा दौर 31 मई से 20 जून 2023 को बना था तब पूर्वी उप्र, ओडिशा, झारखंड में लगातार 21 दिन लू चली थी।
200 से अधिक शहरों ने बनाया एक्शन प्लान
इस बार का पूर्वानुमान कई मॉडल के विश्लेषण पर तैयार हुआ है। ऐसा भी हो सकता है कि लू का कोई एक दौर ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ दे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की हीटवेव गाइडलाइन के अनुरूप 23 राज्यों और 200 से अधिक शहरों ने एक्शन प्लान पहले से ही बना लिया है।मौसम विभाग के मुताबिक 2024 के गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान, देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा।
अप्रैल महीने में दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हीटवेव चलने की संभावना जताई गई है।हाल ही में साइंस एडवांस जर्नल में छपे एक शोध के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हीट वेव के दिनों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को ज्यादा दिनों तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक 1979 से 1983 तक, पूरी दुनिया में हीट वेव की लहरें औसतन आठ दिनों तक चलती थीं, लेकिन 2016 से 2020 तक यह 12 दिनों तक बढ़ गई हैं।
मध्य, पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में भी पड़ेगी हीटवेव का बुरा असर
IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने और मध्य, पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसका सबसे बुरा असर पड़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
महापात्र के अनुसार, इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की संभावना है। देश के विभिन्न हिस्सों में अमूमन 4 से 8 दिनों की तुलना में 10 से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है।IMD के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा असर पड़ सकता है।
अप्रैल में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने, जबकि मध्य दक्षिण भारत में इसकी ज्यादा संभावना है। अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।
इस बार होगी कम बारिश?
मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश में अप्रैल 2024 में औसत बारिश सामान्य (एलपीए का 88-112 फीसदी) होने की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत, पूर्व और उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जबकि पूर्वी और पश्चिमी तटों, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और पश्चिम मध्य भारत में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई है।
कमजोर पड़ रहा अल नीनो
मौसम विभाग के मुताबिक, साल की शुरुआत से ही अल नीनो की स्थिति कमजोर हो गई है। वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। अधिकांश भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) सामान्य से अधिक गर्म है।
भोपाल सहित 40 से ज्यादा जिले में होगी भयंकर गर्मी
मध्य प्रदेश में भी इस बार अप्रैल, मई में भीषण गर्मी पड़ने के आसार जताए गए हैं। ग्वालियर, चंबल, विंध्य, बुंदेलखंड, निमाड़ के अलावा भोपाल संभाग और मालवा के इलाके भी खूब तप सकते हैं। इन इलाकों के 40 से ज्यादा जिलों में गर्मी पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। अप्रैल के अलावा मई में कई जगह एक-दो बार पारा 47 से 48 डिग्री तक भी पहुंच सकता है।
कहां-कहां चलेगी लू
अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तरपूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। अप्रैल में मध्य भारत के कई इलाकों और उत्तरी मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के आसपास के इलाकों में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन रहने की संभावना है। महापात्र के अनुसार, इन क्षेत्रों में सामान्यतः एक से तीन दिनों की तुलना में दो से आठ दिनों तक लू चलने की आशंका है।
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