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पुलवामा हमले पर अभद्र टिप्पणी करने वाले छात्र को 5 साल की कैद, विशेष अदालत ने सुनाई सजा

साल 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले को लेकर एक छात्र फैज राशिद ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक कमेंट्स किए थे जिसके बाद आज बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उसे 5 साल तक कैद की सजा सुना दी।

By AgencyEdited By: Monika MinalUpdated: Tue, 01 Nov 2022 12:39 PM (IST)
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पुलवामा हमले पर अपमानजनक कमेंट्स करने वाले छात्र को 5 साल की कैद (File Photo)
बेंगलुरु,पीटीआई। साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट करने वाले एक छात्र को 5 साल तक कैद की सजा दी गई है। बेंगलुरु की विशेष अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनाई।

25 हजार रुपये का देना होगा जुर्माना

यहां की विशेष अदालत ने 22 वर्षीय छात्र को पांच साल की सजा सुनाई और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल उक्त छात्र ने 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद फेसबुक पोस्ट पर अपमानजनक कमेंट्स किए थे।

जज गंगाधर ने की मामले की सुनवाई

अदालत में जज गंगाधर सी एम (Judge Gangadhara C M) ने मंगलवार को यह सजा सुनाई। आरोपी फैज राशिद उस वक्त 19 साल का था और कालेज में पढ़ाई कर रहा था। साढ़े तीन साल से वह पुलिस हिरासत में था।

2019 से जेल में बंद फैज राशिद

यह आतंकी हमला 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुआ था। 2019 से जेल में सजा काट रहे राशिद ने कथित रूप से आतंकी हमले पर आपत्तिजनक पोस्ट के मकसद से फेसबुक अकाउंट बनाया था। सोशल मीडिया पर राशिद के पोस्ट के खिलाफ शिकायत बनासवाड़ी थाने में की गई थी। बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रानिक्स का छात्र राशिद 17 फरवरी, 2019 से ही परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है।

CRPF के काफिले पर किया था हमला

CRPF के 2500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में कश्मीर जा रहे थे। जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा से गुजर रहे काफिले में RDX से भरी कार के जरिए फिदायीन हमला किया। इसमें 44 जवान बलिदान हो गए थे। हमले के 12 दिन बाद ही भारत की ओर से उरी सर्जिकल स्ट्राइक किया गया और फिदायीन हमले का बदला लिया था।

यूजर्स की आलोचनाओं के बाद डिलीट करना पड़ा था अकाउंट 

फेसबुक पर अभद्र पोस्ट व टिप्पणी को लेकर यूजर्स ने खूब आलोचना की जिसमें बेंगलुरु पुलिस को भी टैग किया था। इसके बाद ही राशिद को पुलिस का डर सताने लगा और उसने इस अकाउंट को डिलीट भी कर दिया।

उस वक्त IPC की धारा 153-A के तहत राशिद को 3 साल के लिए साधारण कैद की सजा दी गई थी और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा था। धारा 201 के तहत उसे तीन साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा। धारा 13 के तहत पांच साल की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। तब से ही सजा जारी है। राशिद ने ऐसे विभिन्न मीडिया आउटलेट के पोस्ट पर 23 कमेंट किए थे, जिनमें आतंकी हमले को लेकर जश्न मनाया जा रहा था और सेना का उपहास किया था।

चूंकि जिस वक्त यह अपराध हुआ उस वक्त आरोपी की उम्र मात्र 19 साल थी, इसलिए वह प्रोबेशन का हकदार था। उसके वकील ने तर्क दिया कि उसकी उम्र 21 साल से कम थी और उसने कोई और अपराध नहीं किया इसलिए उसे प्रोबेशन के आधार पर रिहा किया जाना चाहिए।

उस वक्त IPC की धारा 153-A के तहत राशिद को 3 साल के लिए साधारण कैद की सजा दी गई थी और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा था। धारा 201 के तहत उसे तीन साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा। धारा 13 के तहत पांच साल की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। तब से ही सजा जारी है। राशिद ने ऐसे विभिन्न मीडिया आउटलेट के पोस्ट पर 23 कमेंट किए थे, जिनमें आतंकी हमले को लेकर जश्न मनाया जा रहा था और सेना का उपहास किया था।