कोविड संक्रमित हो चुके लोग 1 साल बाद भी परेशान, सांस लेने में तकलीफ समेत कई दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि कोविड रजिस्ट्री के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और कोरोनावायरस संक्रमण के बीच संबंध जानने के लिए अध्ययन की संभावना संबंध में कोविड-पश्चात लक्षणों पर अध्ययनों को मंजूरी दी गई है।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 21 Mar 2023 08:50 PM (IST)
नई दिल्ली,पीटीआई। आज कोविड-19 के आतंक का दौर खत्म हो चुका है लेकिन इस बीमारी से संक्रमित होने वाले रोगी अस्पताल से छुट्टी के बाद भी थकान, सांस लेने में दिक्कत और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि कोविड रजिस्ट्री के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और कोरोनावायरस संक्रमण के बीच संबंध जानने के लिए अध्ययन की संभावना संबंध में कोविड-पश्चात लक्षणों पर अध्ययनों को मंजूरी दी गई है।
आईसीएमआर एक साल से कर रहा कोविड-पश्चात लक्षणों का अध्ययन
आईसीएमआर द्वारा कोविड की राष्ट्रीय नैदानिक रजिस्ट्री के प्रतिभागियों का एक वर्ष निरीक्षण किया गया। इसमें पाया गया कि कोविड से ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी से मिलने के बाद 30-60 दिनों तक 8,042 प्रतिभागियों में से 18.6 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सांस की तकलीफ, 10.5 प्रतिशत ने थकान और 9.3 प्रतिशत ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बताया।एक वर्ष बीतने पर 2,192 प्रतिभागियों में यह आंकड़ा घटकर क्रमशः 11.9 प्रतिशत (सांस की तकलीफ), 6.6 प्रतिशत (थकान) और 9 प्रतिशत (मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं) रह गया। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) ने डेटा के अपने प्रारंभिक विश्लेषण में बताया है कि लगभग 2 प्रतिशत प्रतिभागियों ने उच्च रक्तचाप और मधुमेह होने के बारे में रिपोर्ट किया है।
केंद्र ने जारी किए दिशानिर्देश, बेविनार से दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-पश्चात लक्षणों के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस बारे में स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए लगातार कई वेबिनार आयोजित किए हैं। ये वेबिनार एम्स दिल्ली, अन्य उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थानों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किए गए हैं। आईसीएमआर ने एओर्टिक, फेफड़ों की सूजन, म्यूकोर्मिकोसिस आदि जैसी विभिन्न स्वास्थ्य दिक्कतों पर कोविड-पश्चात अध्ययन किए हैं।