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चंद्रयान-3 की सफलता की कहानी अब होगी बच्चे-बच्चे की जुबानी, स्कूलों के लिए तैयार हो रहे नए पाठ्यक्रम

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक और अहम ऐलान किया और कहा कि जल्द ही चंद्रयान-3 की इस सफलता को स्कूली बच्चों को कामिक्स के रूप में भी पढ़ाया जाएगा। ताकि वह इसे और भी रूचिकर तरीके से समझ सकें। उन्होंने इसके साथ ही पीएम के मिशन लाइफ व स्वच्छ भारत मिशन जैसे विषयों को भी बच्चों को कामिक्स बुक्स के रूप में पढ़ाने का ऐलान किया।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 29 Aug 2023 09:46 PM (IST)
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स्कूलों के लिए तैयार हो रहे नए पाठ्यक्रम में चंद्रयान अभियान को शामिल करने की तैयारी शुरू
नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखकर न सिर्फ एक नया इतिहास रचा है बल्कि यह ऐसी जगह पर उतरने में भी सफल रहा है, जहां अब तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका था। भारत और भारतीय वैज्ञानिकों की इस सफलता को वैसे तो देश व दुनिया के करोड़ों लोगों ने 23 अगस्त को लाइव भी देखा था, लेकिन यह सफलता नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी रहे इसे देखते हुए अब इसे स्कूली पाठ्यक्रम में प्रमुखता से शामिल करने की तैयारी है।

स्कूली बच्चों को चंद्रयान-3 की सफलता के बारे में दी जाएगी जानकारी

माना जा रहा है कि नए शैक्षणिक सत्र यानी अगले साल तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार होने वाली पाठ्य पुस्तकों में यह बच्चों पढ़ने को मिलेगी। इस पहल के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक और अहम ऐलान किया और कहा कि जल्द ही चंद्रयान-3 की इस सफलता को स्कूली बच्चों को कामिक्स के रूप में भी पढ़ाया जाएगा। ताकि वह इसे और भी रूचिकर तरीके से समझ सकें।

फाउंडेशनल स्तर से ही पढ़ाने की बनाई गई योजना

धर्मेंद्र प्रधान ने इसके साथ ही पीएम के मिशन लाइफ व स्वच्छ भारत मिशन जैसे विषयों को भी बच्चों को कामिक्स बुक्स के रूप में पढ़ाने का ऐलान किया। इस बीच स्कूलों में चंद्रयान-3 की सफलता को फाउंडेशनल स्तर से ही पढ़ाने की योजना बनाई गई है। जिसमें शुरूआत में इसे कहानी और कविताओं के रूप में पढ़ाया जाएगा, बाद में इसे स्कूली शिक्षा के बढ़ते स्तर के साथ ही विस्तार से पढ़ाया जाएगा।

तेजी से चल रहा है काम

शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान की सफलता के साथ ही इसे लेकर काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे पाठ्यक्रम तैयार करने वाली कमेटी के सामने रखा जाएगा। जो इसकी विषयवस्तु तैयार करेगी। मंत्रालय ने इसे लेकर यह तेजी तब दिखाई है,जब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों के लिए नए पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।

इसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र यानी अप्रैल 2024 तक स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। वैसे तो फाउंडेशन स्तर के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है, लेकिन इस स्तर पर ज्यादातर पढ़ाई मौखिक या फिर खेल आधारित ही रखी गई है। ऐसे में इसे बच्चों को खेल-खेल में या फिर कविताओं के माध्यम से पढ़ाने की योजना है।

वीर योद्धाओं की कहानी भी अब पढ़ेंगे बच्चे

नए स्कूली पाठ्यक्रम की तैयारी के बीच एनसीईआरटी ने सातवीं की कक्षा में नेशनल वार मेमोरियल नाम से एक पाठ शामिल किया है, जिसमें वीर योद्धाओं की कहानी उन्हें पढ़ाई जाएगी। जानकारों की मानें तो रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एनसीईआरटी को एक पत्र भी लिखा था। जिसके बाद यह फैसला लिया है। एनसीईआरटी के निदेशक डाक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि यह तो बहुत पहले हो जाना था। तैयार किए जाने वाले नए पाठ्यक्रम में इसे और बेहतर तरीके से लाया जाएगा। ताकि नई पीढ़ी इससे प्रेरित हो सके।