'झूठ फैलाना बंद करें', रक्षाबंधन पर सुधा मूर्ति ने सुनाई कहानी तो यूजर्स को आ गया गुस्सा; जारी करना पड़ा स्पष्टीकरण
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति द्व्रारा रक्षाबंधन पर एक वीडियो पोस्ट शेयर करने के बाद खूब ट्रोल हुई। उन्होंने रक्षा बंधन की उत्पत्ति को मुगल सम्राट हुमायूं और चित्तौड़ की रानी कर्णावती से जुड़ी एक किंवदंती से जोड़ा था। इस पोस्ट के बाद इंटरनेट यूजर्स ने सुधा मूर्ति को काफी ट्रोल किया और भारत का इतिहास पढ़ने की भी सलाह दे दी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Sudha Murty Raksha Bandhan Post: राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने रक्षाबंधन के अवसर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसके बाद से वह ट्रोल हो रही है। इंफोसिस के चेयरमैन की पत्नी ने त्योहार के पीछे की कहानी शेयर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि रक्षाबंधन की शुरुआत के लिए मुगल सम्राट हुमांयू और चित्तौड़ की महारानी कर्णावती से जुड़ी एक कहानी को जिम्मेदार बताया। इस वीडियो को शेयर करने के तुरंत बाद यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
क्या था पोस्ट?
सुधा मूर्ति ने अपने पोस्ट के कैप्शन में रक्षा बंधन के समृद्ध इतिहास के बारे में बताते हुए लिखा - '16वीं शताब्दी में जब रानी कर्णावती मुसीबत में थी तब उन्होंने मुगल सम्राट हुमायूं को रक्षा सूत्र भेंजकर मदद मांगी थी। यहीं से राखी भेजने की परंपरा शुरू हुई और यह आज भी जारी है।'
यहां देखें Video
Raksha Bandhan has a rich history. When Rani Karnavati was in danger, she sent a thread to King Humayun as a symbol of sibling-hood, asking for his help. This is where the tradition of the thread began and it continues to this day. pic.twitter.com/p98lwCZ6Pp
— Smt. Sudha Murty (@SmtSudhaMurty) August 19, 2024
यूजर्स ने किया ट्रोल
हालांकि, एक्स पर कई यूजर्स ने इस बात से असहमति जताई और कहा कि यह कहानी महाभारत के समय की है, न कि मध्यकालीन भारत की। यूजर्स ने कहा कि महाभारत के समय भगवान कृष्ण ने राजा शिशुपाल को मारने के लिए सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करते समय अनजाने में अपनी उंगली काट ली थी। द्रौपदी ने घाव को कपड़े के टुकड़े से ढक दिया था।भगवान कृष्ण इस कृत्य से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे किसी भी तरह के नुकसान से बचाने का वादा किया। चीरहरण की घटना के दौरान, जब कौरवों ने द्रौपदी को शर्मिंदा करने और अपमानित करने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण प्रकट हुए और उन्होंने उनकी रक्षा की।
सुधा ने दिया स्पष्टीकरण
राज्यसभा सांसद ने बाद में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, 'रक्षा बंधन पर मैंने जो कहानी साझा की है, वह इस त्यौहार से जुड़ी कई कहानियों में से एक है और निश्चित रूप से इसकी उत्पत्ति नहीं है। मैंने वीडियो में उल्लेख किया है कि, यह पहले से ही इस भूमि का एक रिवाज था। मेरा इरादा उन कई कहानियों में से एक को उजागर करना था।'यह भी पढ़ें: राज्यसभा में सुधा मूर्ति ने उठाई बड़ी मांग, कहा- महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए सरकार चलाए टीकाकरण अभियान