Supreme Court का 'शुगरलाइट ब्रांड नाम' मामले में दिल्ली मार्केटिंग फर्म को नोटिस, तीन सप्ताह में मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने जायडस वेलनेस की याचिका पर दिल्ली मार्केटिंग नामक फर्म को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने 12 मई के अपने आदेश में जायडस वेलनेस को शुगरलाइट ब्रांड नाम का उपयोग करने से रोक दिया था।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 22 May 2023 04:37 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उपभोक्ता सामान कंपनी जायडस वेलनेस की एक याचिका पर एक अन्य फर्म से जवाब मांगा है। जायडस वेलनेस ने याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी थी कि वह अपने उत्पादों के लिए शुगरलाइट ब्रांड नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा जवाब
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने इस संबंध में दिल्ली मार्केटिंग नामक फर्म को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ जायडस वेलनेस की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
शुगरलाइट ब्रांड का नाम इस्तेमाल करने पर लगाई थी रोक
हाई कोर्ट ने 12 मई के अपने आदेश में जायडस वेलनेस को शुगरलाइट ब्रांड नाम का उपयोग करने से रोक दिया था। आदेश के मुताबिक, दिल्ली मार्केटिंग के पास शुगरलाइट ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है। दिल्ली मार्केटिंग ने आरोप लगाया था कि जायडस ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए गलत तरीके से ट्रेडमार्क का उपयोग कर रही थी।दिल्ली मार्केटिंग ने 2020 में खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
दिल्ली मार्केटिंग ने 2020 में ट्रायल कोर्ट का रुख किया था और ट्रेडमार्क शुगरलाइट या किसी अन्य समान या भ्रामक समान चिह्न का उपयोग करने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने निषेधाज्ञा के अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि दो निशान न केवल दिखने में अलग थे, बल्कि उत्पादों के विभिन्न वर्ग से भी संबंधित थे। अदालत ने कहा कि जिस तरह से पार्टियां व्यापार कर रही थीं। भ्रम की कोई संभावना नहीं थी।
हाई कोर्ट ने कहा था?
हाई कोर्ट ने दिल्ली मार्केटिंग के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि जायडस ने जानबूझकर एक समान ब्रांड नाम 'शुगरलाइट' अपनाया है। उन्हें यह अच्छी तरह से पता था कि दिल्ली मार्केटिंग का इस पर अधिकार है।