Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को समर्थन चिंताजनक: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले या नहीं हमें जरूर हिस्सा लेना चाहिए। भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीन विधेयकों की इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संसद के भीतर अहम विधेयकों पर चर्चा होनी है और उसे जरूर सुनना चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 19 Dec 2023 08:00 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध को विपक्षी नेताओं के मूक और परोक्ष समर्थन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी चिंता जताई है। भाजपा संसदीय दल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि हाल के चुनावों में मिली हार की हताशा में विपक्ष पूरे घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। ध्यान देने की बात है कि राहुल गांधी ने संसद की सुरक्षा में सेंध की असली वजह बेरोजगारी और महंगाई को बताया था।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उनका एक मात्र उद्देश्य भाजपा की सरकार को हटाना है, जबकि हमारा उद्देश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसा करने वाला कोई भी व्यक्ति संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना को स्वीकार नहीं कर सकता है। इस घटना की सिर्फ निंदा की जा सकती है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि चुनाव में हार की हताशा में विपक्ष इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष पूरी घटना को मूक और परोक्ष समर्थन दे रहा है, जो चिंता का विषय है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों को गांव-गांव जाकर लोगों को विपक्ष की इस हरकत के बारे में बताना चाहिए। हमले को धार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के क्रियाकलापों से साफ है कि उसने विपक्ष में ही रहने का मन बना लिया है। साथ ही देश ने भी उन्हें विपक्ष में ही रखने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मौजूदा संख्या बल से भी हाथ धोना पड़े। उन्होंने विपक्ष पर हमले के दौरान भाजपा सांसदों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ध्यान में रखने और संयत बरतने की सलाह दी। वहीं यह इशारा भी किया कि अगली बार भाजपा और बड़ी जीत के साथ आएगी। उन्होंने कहा- मुझे आशा है कि 2024 में पूरा ब्लाक भरा होगा।
संसद को नहीं चलने देने की विपक्ष की जिद की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले या नहीं, हमें जरूर हिस्सा लेना चाहिए। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीन विधेयकों की इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संसद के भीतर अहम विधेयकों पर चर्चा होगी और उसे जरूर सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष भी इस चर्चा में हिस्सा लेता तो अच्छा होता, लेकिन शायद विपक्ष की किस्मत में अच्छा काम लिखा ही नहीं है।
पिछले 10 सालों के दौरान संसदीय दल की लगभग सभी बैठकों हिस्सा लेने को अपना सौभाग्य बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके भीतर का कार्यकर्ता अभी तक जीवित है। उन्होंने पिछले दो दिनों में बनारस में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जनता के साथ जुड़ाव, काशी तमिल संगमम के दौरान भाषिणी एप की मदद से लगभग रियल टाइम में ¨हदी के साथ तमित में संबोधन और सूरत में डायमंड बोर्स के उद्घाटन के दौरान बदलते और विकसित होते भारत के अनुभवों को साझा किया।
प्रधानमंत्री ने सांसदों को याद दिलाया कि आगामी लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने वाला युवा 2014 में महज आठ साल का होगा। इन युवाओं में सिर्फ देश का विकास होते देखा है, उन्हें संप्रग सरकार के दौरान के भ्रष्टाचार, महंगाई, नीतिगत जड़ता के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इन युवाओं को 2014 के पहले की स्थितियों के बारे में बताना होगा। उन्होंने मतदाता दिवस पर युवा मतदाताओं से संपर्क का अभियान चलाने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को विकसित भारत संकल्प यात्रा को सफल बनाने के लिए काम करने को कहा।