पालघर मॉब लिंचिंग मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट
पालघर मॉब लिचिंग मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है। कोर्ट ने कहा कि हम इसे जल्द ही सूचीबद्ध करेंगे। मामला तीन लोगों की मौत से जुड़ा हुआ है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 20 Mar 2023 12:00 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अप्रैल 2020 में पालघर जिले में तीन लोगों की कथित तौर पर लिंचिंग की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की, जब उसे बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार ने एजेंसी द्वारा जांच के लिए सहमति दी है।
महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच के लिए हुई राजी
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ को एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश एक वकील ने बताया कि राज्य सरकार भी सीबीआई जांच के लिए सहमत हो गई है। वकील ने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई और निस्तारण किसी भी शुक्रवार या सोमवार को किया जा सकता है। पीठ ने कहा, "हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।"
महाराष्ट्र सरकार ने क्या कहा?
इससे पहले, बदले हुए रुख में, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह दो संतों सहित तीन लोगों की कथित लिंचिंग की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने इससे पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने लिंचिंग की कथित घटना में 'अपराधी' पुलिसकर्मियों को कर्तव्यों में लापरवाही के लिए दंडित किया है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की।पुलिस पर लगे आरोप
हलफनामा श्री पंच दशबन जूना अखाड़ा के संतों और मृतक के रिश्तेदारों द्वारा याचिकाओं के एक बैच के जवाब में दायर किया गया था। उनकी याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की जा रही है। अन्य याचिकाएं अधिवक्ता शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर की गई हैं।