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सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी के संपत्ति विवाद को हल करने के लिए पूर्व न्यायाधीशों को नियुक्‍त किया मध्‍यस्‍थ

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी (Lalit Modi) और उनकी मां बीना मोदी (Bina Modi) के बीच लंबे समय से चले आ रहे संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मध्यस्थ नियुक्त किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 16 Dec 2021 04:29 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी के संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मध्यस्थ नियुक्त किया है।
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी (Lalit Modi) और उनकी मां बीना मोदी (Bina Modi) के बीच लंबे समय से चले आ रहे संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मध्यस्थ नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्‍पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के उस फैसले के खिलाफ ललित मोदी की अपील पर सुनवाई की जिसमें कहा गया है कि बीना मोदी की उनके बेटे ललित मोदी के खिलाफ दाखिल मध्यस्थता विरोधी याचिका सुनवाई के योग्य है। 

मुख्‍य न्यायाधीश एनवी रमणा (Chief Justice NV Ramana) की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय के पूर्व न्यायाधीशों न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन (Vikramjit Sen) और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ (Kurian Joseph) के नामों को मध्यस्थ के रूप में मंजूरी दी। इस पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि दोनों पक्ष न्यायाधीश विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के तहत मध्यस्थता के लिए सहमत हैं। हमारा दोनों पक्षों को सुझाव है कि हैदराबाद स्थित मध्यस्थता केंद्र की सुविधाओं का इस्‍तेमाल करें।

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने कहा कि हम पक्षों को गोपनीयता बनाए रखने का निर्देश देते हैं। मध्यस्थों से गुजारिश है कि तीन महीने के भीतर कार्यवाही में तेजी लाएं। इससे पहले ललित मोदी की मां बीना मोदी की ओर से याचिका दायर की गई थी जिसमें विवाद को लेकर आईपीएल के संस्थापक द्वारा सिंगापुर में शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगाने की गुजारिश की गई थी। पिछली सुनवाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ही पक्षों को मध्यस्थता का सुझाव दिया था। साथ ही अपनी पसंद के मध्यस्थों के नाम सुझाने को कहा था।

हाईकोर्ट ने माना था कि सिंगापुर में मध्यस्थता शुरू करने के ललित मोदी के कदम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करना उसके अधिकार क्षेत्र का विषय है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सिंगल बेंच के उस फैसले को रद कर दिया था जिसमें कहा गया था कि ललित मोदी की मां की ओर से दाखिल मध्यस्थता निषेध याचिका को स्थगित करने का अधिकार उनके पास नहीं है। मालूम हो कि केके मोदी का दो नवंबर 2019 को इंतकाल हो गया था जिसके बाद संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था।