Malegaon Blasts: लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका पर जल्द करें फैसला, सुप्रीम कोर्ट की बॉम्बे हाई कोर्ट को सलाह
Supreme Court on Malegaon blasts case सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा है कि वह 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) की याचिका पर शीघ्र फैसला करे।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 05:00 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा कि वह 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) की याचिका पर तेजी से फैसला करे। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि मामले में उन पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार द्वारा दी गई मंजूरी कानूनन गलत थी।
जस्टिस हेमंत गुप्ता (Justices Hemant Gupta) और जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) की पीठ ने कहा कि अब तक 246 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। उक्त याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम उच्च न्यायालय से याचिका पर विचार करने और कानून के अनुसार इस पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध करते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 18 दिसंबर, 2017 को उच्च न्यायालय ने सरकार की उस मंजूरी को रद करने से इनकार कर दिया था, जिसने मालेगांव बम धमाका मामले में कर्नल पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। इससे पहले विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने उन्हें मामले से मुक्त करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
गौर करने वाली बात है कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार की ओर से पूर्व अनुमति की आवश्यकता थी क्योंकि वह उस समय एक सेवारत सेना अधिकारी थे। 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगे बम में विस्फोट से छह लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक घायल हो गए। मामले के सभी सात आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।