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सहारा से कैसे निकलेंगे आपके फंसे पैसे? सुप्रीम कोर्ट से आई अच्छी खबर, ग्रुप को दिया अहम आदेश

सहारा में जिनके पैसे फंसे हैं उन निवेशधारकों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा समूह को अहम आदेश दिया है। अदालत ने शीर्ष अधिकारियों और मौजूदा शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने के साथ ही संपत्तियों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा है। अदालत ने कहा कि इन संपत्तियों को बेचकर 10 हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।

By Agency Edited By: Manish Negi Updated: Wed, 04 Sep 2024 07:23 PM (IST)
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सहारा के निवेशधारकों के लिए अच्छी खबर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा समूह से कहा कि वह अपने शीर्ष अधिकारियों और मौजूदा शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने के साथ ही उन संपत्तियों की सूची भी उपलब्ध कराए, जिन्हें बेचकर 10 हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए यह राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा कराई जानी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त, 2012 को सहारा समूह की कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआइआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआइसीएल) को निर्देश दिया था कि वे निवेशकों से एकत्र की गई राशि को तीन महीने के भीतर 15 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ सेबी को वापस करें।

पैसा लौटाने के लिए समाधान निकालेगी अदालत

जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बुधवार को कहा कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए न्यायालय को कोई व्यावहारिक समाधान निकालना होगा, क्योंकि यह मामला एक दशक से अधिक समय से लंबित है।

सहारा समूह ने क्या कहा?

सहारा समूह ने कहा है कि वह करीब 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराने के लिए कोई योजना पेश करेगा। यह मामला बार-बार नहीं चल सकता। न्यायालय द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिए जाने के बाद से 10 साल से अधिक समय बीत चुका है। हमें कोई व्यावहारिक समाधान निकालना होगा, क्योंकि कंपनी ने अब तक सिर्फ 15 हजार करोड़ रुपये ही जमा कराए हैं।

ग्रुप की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल

जस्टिस खन्ना ने कहा कि सहारा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को बताया कि कंपनी शेष राशि जमा करने के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी। सेबी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि 2023 में सुब्रत राय के निधन के बाद कोई नहीं जानता कि कंपनी का नेतृत्व कौन करेगा और अदालत के आदेश के अनुपालन में वह पैसा कैसे जमा करेगी।

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