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बृज बिहारी हत्याकांड मामले में आज फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट, सांसद-विधायक समेत सात लोग हैं आरोपी

राजद नेता एवं बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की 1998 में हुई हत्या के मामले से पूर्व सांसद सूरजभान सिंह एवं पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला समेत आठ अन्य को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतिम सुनवाई शुरू की। शीर्ष अदालत इस मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुना सकती है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 22 Aug 2024 05:45 AM (IST)
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बृज बिहारी हत्याकांड मामले में आज फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

 पीटीआई, नई दिल्ली। राजद नेता एवं बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की 1998 में हुई हत्या के मामले से पूर्व सांसद सूरजभान सिंह एवं पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला समेत आठ अन्य को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतिम सुनवाई शुरू की। शीर्ष अदालत इस मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुना सकती है।

जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. माधवन की पीठ ने सुबूतों के अभाव में आरोपितों को बरी करने के पटना हाई कोर्ट के 2014 के आदेश को चुनौती देने वाली बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी एवं पूर्व भाजपा सांसद रमा देवी और सीबीआइ की याचिकाओं पर सुनवाई प्रारंभ की।

अन्य आरोपितों को की गईं काल का उल्लेख किया

रमा देवी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने दलील दी कि आरोपितों को बरी करके हाई कोर्ट ने गलती की है। प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ के हवाले कर दी थी। सीबीआइ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने आरोपितों के बीच साजिश रचे जाने को रेखांकित करते हुए पटना जिले के मोकामा स्थित सूरजभान सिंह के आवास पर लगे लैंडलाइन फोन से मामले के अन्य आरोपितों को की गईं काल का उल्लेख किया।

पीठ गुरुवार को खुली अदालत में अपना फैसला सुना सकती है

इस पर पीठ ने माथुर से कहा कि रिकॉर्ड्स और हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार, घटना के दिन 13 जून, 1998 को सूरजभान सिंह बेऊर जेल में थे और उनके विरुद्ध साजिश के आरोप साबित करना कठिन होगा। मामले के आरोपितों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत एवं अन्य वकीलों ने उन्हें बरी किए जाने वाले हाई कोर्ट के आदेश का बचाव किया। सुनवाई अधूरी रही और यह गुरुवार को भी जारी रहेगी। जस्टिस खन्ना ने कहा कि पीठ गुरुवार को खुली अदालत में अपना फैसला सुना सकती है।

हाईकोर्ट ने कही थी ये बात

24 जुलाई, 2014 को हाई कोर्ट ने अभियोजन के सुबूतों को देखने के बाद कहा था कि सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और रंजन तिवारी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सभी आरोपितों को दोषी ठहराने व उम्रकैद की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था।