Supreme Court: DHFL के वधावन बंधुओं को मिली जमानत रद, SC बोला- 'HC और निचली अदालत ने की गलती'
Supreme Court DHFL Case वधावन बंधुओं को इस मामले में पिछले साल 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट ने हालांकि स्पष्ट किया था कि उसने मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं किया। चार्जशीट 15 अक्टूबर 2022 को दायर की गई थी व संज्ञान लिया गया था। इस मामले में एफआइआर यूनियन बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर आधारित थी।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के बैंक कर्ज घोटाले में डीएचएफएल के पूर्व प्रोमोटरों कपिल वधावन और उनके भाई धीरज को दी गई जमानत रद कर दी। जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट और निचली अदालत ने उन्हें जमानत देकर गलती की है। पीठ ने बुधवार को कहा, 'हमें इस बात में कोई हिचक नहीं है कि आरोपपत्र दायर किया जा चुका है और उचित समय में संज्ञान लिया जा रहा है। प्रतिवादी वैधानिक जमानत का अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते थे।'
एफआइआर दर्ज होने के 88वें दिन चार्जशीट दाखिलदंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत अगर जांच एजेंसी किसी आपराधिक मामले में जांच पूरी होने के बाद 60 या 90 दिनों के अंदर आरोपपत्र दायर नहीं करती है तो आरोपित वैधानिक जमानत का हकदार हो जाता है। इस मामले में सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज होने के 88वें दिन चार्जशीट दाखिल की थी और ट्रायल कोर्ट ने आरोपित को डिफाल्ट जमानत दी थी और दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा था।
चार्जशीट 15 अक्टूबर 2022 को दायर की गईवधावन बंधुओं को इस मामले में पिछले साल 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट ने हालांकि स्पष्ट किया था कि उसने मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं किया। चार्जशीट 15 अक्टूबर, 2022 को दायर की गई थी व संज्ञान लिया गया था। इस मामले में एफआइआर यूनियन बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर आधारित थी।