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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की तीन हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश, ये जज बन सकते हैं HC के चीफ जस्टिस

Collegium Recommends Names For Chief Justices भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना वाले कॉलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी के नाम की सिफारिश की। कॉलेजियम ने कहा कि न्यायमूर्ति बहरी एक ईमानदार और बेहतरीन न्यायाधीश हैं।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 03 Nov 2023 06:20 AM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को लेकर जानकारी दी।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, नई दिल्ली। Collegium Recommends Names For Chief Justices। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ( DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उत्तराखंड, उड़ीसा और मेघालय के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए तीन न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना वाले कॉलेजियम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रितु बाहरी के नाम की सिफारिश की।

न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह को लेकर कॉलेजियम ने की सिफारिश

कॉलेजियम ने कहा कि न्यायमूर्ति बहरी,  न्यायाधीश हैं। इसके अलावा, कॉलेजियम ने पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह को उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की।

न्यायमूर्ति एस. वैद्यनाथन को लेकर भी कॉलेजियम ने की सिफारिश

इसके अलावा, कॉलेजियम ने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस. वैद्यनाथन को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की भी सिफारिश की है। प्रस्ताव में कहा गया,"न्यायमूर्ति वैद्यनाथन एक अनुभवी जज हैं। उन्होंने देश के सबसे बड़े उच्च न्यायालयों में से एक में कार्य करने का अनुभव है।"

बता दें कि न्यायमूर्ति वैद्यनाथन को 25 अक्टूबर, 2013 को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1986 में बार में दाखिला लिया। उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय और विभिन्न न्यायाधिकरणों काम करने का अनुभव है।

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