बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, कहा- कल बुलाएं आपात बैठक, बुधवार को दें इसकी जानकारी
दिल्ली में खतरनाक होते वायु प्रदूषण पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो पूर्ण लाकडाउन लगाने को तैयार है। एक हलफनामे में सरकार ने कहा है कि इसके बिना हालात सामान्य नहीं किए जा सकते हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 15 Nov 2021 01:02 PM (IST)
नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दिल्ली में प्रदूषण के खराब होते स्तर पर फिर सुनवाई केदौरान दिल्ली सरकार ने अपना हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में पूर्ण लाकडाउन से ही हालात पर काबू पाया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार पूरे राज्य में लाकडाउन लगाने को तैयार है। बता दें कि शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ही दिल्ली सरकार को ये विकल्प सुझाया था, जिस पर आज सरकार ने फैसला भी ले लिया है। सरकार ने इस दौरान बताया है कि उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। अब इस मामले में सुनवाई बुधवार को होगी।
दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से वायु प्रदूषण की वजह पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को बताया गया है। हालांकि केंद्र की तरफ से कहा गया है कि पराली की वजह से केवल 10 फीसद ही प्रदूषण होता है। केंद्र की तरफ से पेश सालिसिटर जनरल ने कहा कि इसके दूसरे कई कारण है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि यदि गाडि़यों से निकलता धुंआ इसकी बड़ी वजह है तो क्यों न दो दिन के लिए गाडि़यों के सड़कों पर उतरने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मामले मे केंद्र को मंगलवार को आपात बैठक बुलाने और प्रदूषण की रोकथाम के लिए तत्काल जरूरी उपाय करने का निर्णय लेने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हालात खराब होने के बाद भी केवल आपात बैठक करने की बात की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि हमें कल शाम तक हालात काबू करने के लिए एक्शन प्लान की जानकारी दी जानी चाहिए। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से ये भी कहा है कि वो मंगलवार शाम तक बताएं कि कौन की इंडस्ट्री को बंद किया जा सकता है और किस तरह की गाडि़यों को सड़कों पर आने से रोका जा सकता है। कोर्ट ने ऊर्जा के विकल्पों पर भी दोनों से जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली की खराब होती हवा पर न सिर्फ चिंता व्यक्त की थी बल्कि कड़ा रुख भी इख्तियार किया था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को साफतौर पर कहा था कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए कदम भी उन्होंने ही उठाने होंगे। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आस-पास के राज्यों में जलती पराली का इसकी बड़ी वजह बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने ही दिल्ली में दो दिन का लाकडाउन लगाने का विकल्प भी सुझाया था। बता दें कि इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस आफ इंडिया के नेतृत्व में बनी तीन सदस्यीय पीठ कर रही है। इसमें सीजेआई एनवी रमना के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस रुख को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें दिल्ली सरकार के दफ्तरों और स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई इसलिए भी खास है क्योंकि दिल्ली सरकार के उठाए कदमों के बावजूद वायु प्रदूषण में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। बता दें कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दिवाली के बाद से ही वायु प्रदूषण का स्तर बेतहाशा बढ़ा है। सोमवार सुबह को ही दिल्ली से लगते यूपी के लोनी इलाके में एक्यूआई का स्तर 999 रिकार्ड किया गया है।
पिछले दिनों ही दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल के वरिष्ठ डाक्टर ने लोगों को आगाह किया था कि वो गैर जरूरी चीजों के लिए घर से बाहर न निकलें। उन्होंने ये भी कहा था कि वायु प्रदूषण इस कदर बढ़ा हुआ है कि इसमें कोरोना का वायरस भी अधिक समय के लिए बना रह सकता है। इसके अलावा उन्होंने ऐसे मौसम में कोरोना से पीडि़त हो चुके लोगों और अस्थमा से पीडि़त लोगों को सावधान रहने की भी हिदायत दी थी।
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