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सड़क दुर्घटना पीड़ित को 30 लाख की जगह मिलेगा 52 लाख रुपये का मुआवजा, पढ़ें SC ने क्यों लिया ये फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ित चंद्रमणि नंदा को दी गई मुआवजा राशि 30.99 लाख से बढ़ाकर 52.31 लाख कर दी। चंद्रमणि नंदा अपनी कार से संबलपुर से कटक (ओडिशा) जा रहे थे। तभी एनएच-55 पर एक तेज गति से आ रही बस ने कार को टक्कर मार दी उनकी कार में तीन लोग और थे जो घायल हो गए।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 11:06 PM (IST)
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सड़क दुर्घटना पीड़ित को 30 लाख की जगह मिलेगा 52 लाख रुपये का मुआवजा

 जागरण डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ित को बड़ी राहत देते हुए मुआवजा राशि 30.99 लाख से बढ़ाकर 52.31 लाख रुपये कर दी। न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने अपीलकर्ता चंद्रमणि नंदा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि शीर्ष अदालत दुर्घटना पीड़ितों को उनके भविष्य देखने के साथ दर्द, पीड़ा और जीवन की गुणवत्ता के नुकसान को ध्यान में रखते हुए उचित मुआवजा दिलाने के प्रति प्रतिबद्ध है।

ओडिशा के कटक में हुआ था भयंकर एक्सीडेंट

लाइव लॉ के मुताबिक, मामला 2014 का है जब चंद्रमणि नंदा अपनी कार से संबलपुर से कटक (ओडिशा) जा रहे थे। तभी एनएच-55 पर एक तेज गति से आ रही बस ने कार को टक्कर मार दी, उनकी कार में तीन लोग और थे, जो घायल हो गए। इस हादसे में नंदा काफी बुरी तरह से जख्मी हो गए और एक व्यक्ति रंजन राउत भी काफी बुरी तरह से घायल हुए जो मई 2017 तक अस्पताल में रहे और यहीं दम तोड़ दिया।

वहीं, नंदा को सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई, चेकअप हुआ तो पता चला सिर और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है। इसके चलते उनके कई ऑपरेशन हुए साथ ही मस्तिष्क की सर्जरी भी हुई। एक्सीडेंट के समय नंदा की उम्र 32 साल थी जो इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे, अपनी चोटों के कारण काम करने की क्षमता खो चुके थे। उनके परिवार ने दावा किया कि दुर्घटना के बाद से वह मानसिक रूप से अस्थिर हो गए हैं और बिस्तर पर हैं।

वहीं, कानून के तहर मोटर वाहन दावा अधिकरण ने नंदा को 20.60 लाख का मुआवजा दिया, लेकिन परिवार इससे असंतुष्ट था और उनके परिवार ने ओडिशा हाईकोर्ट में अपील की, जिसने मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 30.99 लाख कर दिया। हाईकोर्ट ने माना था कि नंदा 100 फीसदी विकलांगता से पीड़ित है, जबकि अधिकरण ने इसे 60% आंका था।

सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा राशि 52 लाख रुपये कर दी

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने पहले माना कि आय का आकलन बढ़ी हुई आय के आधार पर किया जाना चाहिए। ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट ने 1,62,420 रुपये की वार्षिक आय के आधार पर गणना की थी, जो घटना से दो वर्ष पहले की थी। हालांकि, दुर्घटना से एक वर्ष पहले, वार्षिक आय 2,64,000 रुपये प्रति वर्ष निकली। घायल अपीलकर्ता द्वारा दायर अपील के बाद, अदालत ने मुआवजे की राशि बढ़ाकर 52 लाख रुपये कर दी।