Move to Jagran APP

महाराष्ट्र सरकार को 'सुप्रीम' झटका, मराठों को आरक्षण रद करने के फैसले पर पुनर्विचार की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने मराठों को आरक्षण रद करने के फैसले पर पुनर्विचार की याचिकाएं खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने 2021 के एक फैसले में शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए मराठों को आरक्षण प्रदान करने संबंधी राज्य के कानून को रद कर दिया था।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 22 Apr 2023 03:08 AM (IST)
Hero Image
सुप्रीम कोर्ट ने मराठों को आरक्षण रद करने के फैसले पर पुनर्विचार की याचिकाएं खारिज की
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2021 के एक फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इनमें एक याचिका महाराष्ट्र की भी थी। 2021 के इस फैसले में शीर्ष अदालत ने शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए मराठों को आरक्षण प्रदान करने संबंधी राज्य के कानून को रद कर दिया था।

पांच मई 2021 को पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया था फैसला

जस्टिस अशोक भूषण (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पांच मई, 2021 को मराठों को आरक्षण प्रदान करने संबंधी फैसले से संबंधित याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। पीठ का कहना था कि मराठा आरक्षण ने समानता के अधिकार का उल्लंघन किया था। साथ ही आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा तय करने वाले 29 वर्ष पुराने फैसले पर पुनर्विचार के लिए बड़ी पीठ को संदर्भित करने से इन्कार कर दिया था।

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले वर्ष दाखिल की थी याचिका

महाराष्ट्र सरकार और अन्य ने पिछले वर्ष याचिका दाखिल कर 2021 के फैसले पर खुली अदालत में पुनर्विचार किए जाने की मांग की थी। जस्टिस एमआर शाह, संजीव खन्ना, बीआर गवई, एस. रविंद्र भट और वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया और 11 अप्रैल को उन्हें खारिज कर दिया।