सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत और जमानत अर्जियों पर सुनवाई में देरी पर जताई चिंता, कहा- यह लोगों की स्वतंत्रता से जुड़ा मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court) ने अग्रिम जमानत और जमानत अर्जियों पर सुनवाई में देरी पर चिंता जताई है। ये आदेश और टिप्पणियां न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने जमानत अर्जी पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल देने के छत्तीसगढ़ के मामले में अपील पर सुनवाई के दौरान गत 11 दिसंबर को दिये। याचिकाएं हिमांशु गुप्ता बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और कवीश गुप्ता बनाम छत्तीसगढ़ की थीं।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 17 Dec 2023 06:48 PM (IST)
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत और जमानत अर्जियों पर सुनवाई में देरी पर चिंता जताते हुए सभी उच्च न्यायालयों को जमानत अर्जियों पर यथाशीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अपने पूर्व आदेशों में कई बार कह चुका है कि यह यह मुद्दा लोगों की स्वतंत्रता से जुड़ा है इसलिए इस पर जल्दी से जल्दी सुनवाई कर निर्णय किया जाना चाहिए, लेकिन ये चिंता का विषय है कि बार बार आदेश दिये जाने के बावजूद वही स्थिति जारी है।
छत्तीसगढ़ के मामले में हुई सुनवाई
ये आदेश और टिप्पणियां न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने जमानत अर्जी पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल देने के छत्तीसगढ़ के मामले में अपील पर सुनवाई के दौरान गत 11 दिसंबर को दिये। याचिकाएं हिमांशु गुप्ता बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और कवीश गुप्ता बनाम छत्तीसगढ़ की थीं।सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी को विचारार्थ स्वीकार करने के बाद उस पर निर्णय अनावश्यक रूप से टालने पर चिंता जताई। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार बार दोहरा चुका है कि अग्रिम जमानत और जमानत अर्जियों के मामले लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े होते हैं इसलिए उन पर जल्दी सुनवाई कर निपटारा होना चाहिए।
क्या है मामला ?
पीठ ने कहा कि 21 फरवरी 2022 को भी सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एक बार फिर यही बात दोहराई थी। वस्तुत: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी को विचारार्थ स्वीकार कर लिए जाने के बाद उन पर निर्णय अनावश्यक रूप से टालने की निंदा की थी। मौजूदा मामले में अभियुक्त के खिलाफ छत्तीसगढ़ के रायपुर में विधानसभा थाने में आइपीसी की धारा 420 और धारा 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई बाद में उसमें धारा 467, 468, 409 और 471 भी जोड़ दी गईं।अभियुक्त ने अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की जो छह दिसंबर 2023 को कोर्ट में सुनवाई पर लगी। कोर्ट ने वह जमानत अर्जी विचारार्थ स्वीकार कर ली। केस डायरी मंगाई और केस को क्रमानुगत आर्डर (यानी जब क्रमानुसार इसका नंबर आये) में सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में इसी आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने लंबी बहस की।