मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध पर सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता, देश की वित्तीय प्रणाली के लिए बताया खतरा
कोर्ट ने कहा कि AI की प्रगति के साथ जांच एजेंसियों के लिए लेनदेन की जटिल प्रकृति का पता लगाना तथा समझना एवं इसमें शामिल व्यक्तियों की भूमिका की जानकारी जुटाना बड़ी चुनौती बन गई है। पीठ ने कहा कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से बच न पाए इसके लिए जांच एजेंसी द्वारा बहुत सूक्ष्म प्रयास किए जाने की उम्मीद है।
By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 21 Nov 2023 05:00 AM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की प्रगति के साथ मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध देश की वित्तीय प्रणाली के लिए वास्तविक खतरा बन गए हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के एक कर्मचारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि आर्थिक अपराधों का पूरे देश के विकास पर गंभीर असर पड़ता है।
जांच एजेंसियों के सामने चुनौती
पीठ ने कहा, प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की प्रगति के साथ मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध देश की वित्तीय प्रणाली के लिए वास्तविक खतरा बन गए हैं। जांच एजेंसियों के लिए लेनदेन की जटिल प्रकृति का पता लगाना तथा समझना एवं इसमें शामिल व्यक्तियों की भूमिका की जानकारी जुटाना बड़ी चुनौती बन गई है।पीठ ने कहा, यह देखने के लिए कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर गलत मामला दर्ज न किया जाए और कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से बच न पाए, जांच एजेंसी द्वारा बहुत सूक्ष्म प्रयास किए जाने की उम्मीद है। न्यायालय ने कहा कि आर्थिक अपराधों को लेकर जमानत के मामले में अलग दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपित तरुण कुमार को प्रथम दृष्टया यह साबित करना होगा कि वह कथित अपराध का दोषी नहीं है और जमानत पर रहते हुए उसके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना नहीं है।