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ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल में CBI की एंट्री मामले में केंद्र के खिलाफ याचिका पर होगी सुनवाई

सीबीआई के कथित तौर पर दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को राहत दी है। ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधीन आने वाले मामलों को सीबीआई जांच के लिए भेजी जाती है। इसके बाद उन मामलों की एकतरफा जांच होती है। वहीं इन मामलों पर केद्र सरकार हस्तक्षेप करती है। संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ याचिका दायर की गई।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 10 Jul 2024 11:39 AM (IST)
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बंगाल में सीबीआई की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को राहत भरी खबर सुनाई।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, नई दिल्ली। सीबीआई के कथित तौर पर दुरुपयोग के मामले में बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने का फैसला कर लिया है।  

ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधीन आने वाले मामलों को सीबीआई जांच के लिए भेजी जाती है। इसके बाद उन मामलों की एकतरफा जांच होती है। वहीं, इन मामलों पर केद्र सरकार हस्तक्षेप करती है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने माना कि इस याचिका पर सुनवाई होनी चाहिए।

बंगाल सरकार का कहना है कि सहमति वापस लेने के बावजूद केंद्र सरकार सीबीआई को जांच के लिए राज्य में भेज रही है। राज्य में सीबीआई ने 15 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।

ममता सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने दी ये दलील

शीर्ष अदालत ने 8 मई को राज्य द्वारा दायर मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि एक बार जब राज्य ने 16 नवंबर, 2018 को अपनी सहमति वापस ले ली थी, तो केंद्र जांच एजेंसी को जांच के लिए राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे सकता था। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्र सरकार या उसके विभाग केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच पर कोई पर्यवेक्षी नियंत्रण नहीं रखते हैं।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि राज्य का मुकदमा अपनी योग्यता के आधार पर कानून के अनुसार आगे बढ़ेगा।

केंद्र सरकार की आपत्तियों को कोर्ट ने किया खारिज

कोर्ट ने कहा कि बिना राज्य सरकार के इजाजत के इस मामले पर सीबीआई जांच कराना सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पश्चिम बंगाल का मुकदमा कानून के मुताबिक शीर्ष अदालत के समक्ष आगे बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की विचारणीयता पर केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया।

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सितंबर में अगली सुनवाई करेगा।