शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर आरोप तय करने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि निचली अदालत द्वारा गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद उन्हें रिहा किया जाएगा। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पार्थ ने लगभग तीन साल जेल में बिताए हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जमानत दे दी। साथ ही यह भी कहा कि निचली अदालत द्वारा महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पार्थ ने लगभग तीन साल जेल में बिताए हैं और उनका लगातार कारावास 'न्याय का उपहास' होगा। सुप्रीम कोर्ट ने लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार सप्ताह के भीतर आरोप तय करने और दो महीने के भीतर बयान दर्ज करने का निर्देश दिया।
2022 तक बंगाल में मंत्री थे
कार्ट ने इस मामले में सुबीर भट्टाचार्य और शांतिप्रसाद सिन्हा को भी जमानत दे दी। पार्थ चटर्जी 2001 से विधायक हैं और 2011 से 2022 तक पश्चिम बंगाल में मंत्री रहे हैं। 2016 से वे राज्य में शिक्षा विभाग संभाल रहे हैं। उन पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्तियों को अंजाम देने वाले एक रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में कई असफल उम्मीदवारों द्वारा कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने के बाद न्यायालय ने आठ जून, 2022 को आरोपों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया। अगले दिन सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की और ईडी ने 24 जून, 2022 को राज्य शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज की थी
एजेंसियों ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के परिसरों पर छापा मारा और उनके करीबी सहयोगियों के नाम पर 12 अचल संपत्तियों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज और ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त करने का दावा किया।
पार्थ के एक करीबी सहयोगी के आवासीय परिसर में की गई तलाशी में 21.9 करोड़ रुपये नकद और 76 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सोने के आभूषण जब्त किए गए। निचली अदालत ने तीन अगस्त, 2023 को पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी और हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी राहत याचिका खारिज कर दी थी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)
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