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नीट-यूजी परीक्षा पर सोमवार को सुप्रीम सुनवाई, कोर्ट के फैसले पर टिकी 24 लाख निगाहें

NEET UG Supreme Court Hearing नीट यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तकरीबन 24 लाख छात्र कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। कई छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की है तो कुछ छात्रों की मांग है कि इसे रद्द न किया जाए।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 07 Jul 2024 10:30 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मामले पर सुनवाई करेगा। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गड़बड़ी और पेपर लीक जैसे विवादों से घिरी नीट-यूजी का भविष्य क्या होगा, यह तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद तय होगा। लेकिन इस सुनवाई पर देश के करीब 24 लाख छात्रों की निगाहें जरूर टिकी होगी, जिन्होंने इस परीक्षा के लिए आवेदन कर रखा है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सामने इस पूरे विवाद को लेकर अब तक करीब 38 याचिका पहुंच चुकी हैं, इनमें ज्यादातर इस परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली है, जबकि एक-दो याचिका परीक्षा को न रद्द करने की मांग वाली भी है। ऐसे में अब फैसला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में है।

5 मई को हुई थी परीक्षा

नीट-यूजी की यह परीक्षा 5 मई को हुई थी, जबकि रिजल्ट चार जून को घोषित हुआ था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से जो जानकारी मिली है, उनमें नीट-यूजी से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश वी वाय चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ करेगी। यह सुनवाई इसलिए भी अहम है, क्योंकि इस लेकर देश में राजनीति भी गरमाई हुई है।

खासकर कांग्रेस व दूसरे विपक्षी दल इस मामले में लगातार सरकार को घेर रहे है और सवाल खड़ा कर रहे है। इस परीक्षा को रद्द करने को लेकर देश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन भी चल रहे है। इस विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट में आठ जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले शिक्षा मंत्रालय और नीट-यूजी का आयोजन करने वाली परीक्षा एजेंसी, एनटीए ने कोर्ट में एक हलफनामा पेश कर परीक्षा के दौरान बरती जाने वाली पारदर्शिता व प्रक्रिया की जानकारी दी है।

गोधरा और पटना में गड़बड़ी की जानकारी

साथ ही नीट-यूजी में सामने आयी गड़बडि़यों की भी जानकारी दी है। कहा गया है कि यह गड़बड़ी सिर्फ गोधरा व पटना में मिली है। जिसकी सीबीआई जांच कर रही है। ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं होगा। प्रतिभाशाली बच्चों का इससे नुकसान होगा। शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने यह जवाब कोर्ट की ओर से परीक्षा रद करने की मांग वाली याचिकाओं पर उन्हें जारी की नोटिस पर दिया गया है।

एनटीए ने इस दौरान नीट-यूजी परीक्षा में 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मा‌र्क्स विवाद खत्म होने की जानकारी देते हुए कहा कि उसे रद्द कर दिया गया है। साथ ही इन छात्रों की फिर से परीक्षा भी करा ली गई है। उसके भी रिजल्ट घोषित कर दिए गए है। शिक्षा मंत्रालय ने इस बीच कोर्ट को अपने हलफनामे में इस आरोपों के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी दी है, जिसमें परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराने व पेपर लीक जैसी घटनाओं से निपटने के लिए गठित की गई उच्च कमेटी की जानकारी शामिल है।

दो महीने में सुझाव देगी कमेटी

कमेटी परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ी और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के साथ एनटीए में सुधार के लिए अगले दो महीनों में सुझाव देगी। गौरतलब है नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर विवाद उस समय बढ़ा, जब एनटीए ने चार जून को रिजल्ट घोषित किया। इसमें 67 छात्रों के टॉप करने के साथ ही कुछ छात्रों के 720 नंबरों में से 718, 719, 716 नंबर पाने की जानकारी की गई। इस पर छात्रों ने शंका जताई तो एनटीए ने इन्हें ग्रेस मा‌र्क्स देने की जानकारी दी, जबकि परीक्षा में ग्रेस मा‌र्क्स देने की कोई व्यवस्था नहीं है।

पटना-गोधरा में परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों को दबाने का मामला सामने आया। इसके बाद तो एनटीए की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लगे थे। वहीं यूजीसी-नेट का पेपर लीक होने का भी मामला सामने आया, जिसके बाद उसे रद्द कर दिया गया था। बाद में मंत्रालय ने यूजीसी-नेट और नीट-यूजी दोनों ही परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी।