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शरीर के अंगों वाले चुनाव चिह्न जब्त किए जाएं, सुप्रीम कोर्ट में उठी मांग; आज होगी सुनवाई

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि शरीर के अंगो से मिलते-जुलते चुनाव चिन्ह रद्द कर दिए जाएं। याचिका में कहा गया है कि इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है। सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने चुनाव आयोग के समक्ष भी मामले को उठाया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 05 Aug 2024 12:05 AM (IST)
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याचिका में चिन्ह हटाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। (File Image)

नई दिल्ली, आईएएनएस। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को मानव शरीर के अंगों से मिलते जुलते चुनाव चिन्हों को हटाने, फ्रीज करने और रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में चुनाव आयोग निर्देश देने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची के अनुसार, मुख्य न्याधीश डीवाई की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि उसने भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मानव शरीर के अंगों से मिलते जुलते या समान प्रतीकों के खिलाफ कई शिकायतें कीं, लेकिन चुनाव आयोग ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है।

आदर्श आचार संहिता का हवाला

याचिकाकर्ता का दावा है कि जबकि आदर्श आचार संहिता में स्पष्ट रूप से मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद करने का उल्लेख है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 130, मतदान केंद्रो के 100 मीटर के भीतर चुनाव चिन्ह के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। ऐसे में मानव शरीर के अंगों को छिपाया नहीं जा सकता है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।