प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न से लेकर देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण..., पढ़ें सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी वाले दिन कब-कब हुई विशेष सुनवाई
शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ द्वारा पारित एक आदेश पर संज्ञान लेने के बाद विशेष सुनवाई की।यह एक और उदाहरण था जब सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी वाले दिन विशेष सुनवाई की। 24 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के खिलाफ कांग्रेस राकांपा और शिवसेना द्वारा दायर एक याचिका पर तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की।
पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जब सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता, राजनीतिक संकट, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण और यहां तक कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित मामलों की छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई की।
शीर्ष अदालत ने की विशेष सुनवाई
शीर्ष अदालत ने शनिवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ द्वारा पारित एक आदेश पर संज्ञान लेने के बाद विशेष सुनवाई की। यह एक और उदाहरण था, जब सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी वाले दिन विशेष सुनवाई की।
तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर भी की थी सुनवाई
पिछले साल एक जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सुबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुनवाई के लिए एक के बाद एक अलग-अलग पीठों का गठन किया।शनिवार देर रात की विशेष सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए सीतलवाड़ को समय नहीं देने पर सवाल उठाया और कहा कि एक सामान्य अपराधी भी किसी न किसी रूप में अंतरिम राहत का हकदार है। सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने पर दो जजों की पीठ में मतभेद के बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ ने विशेष सुनवाई की।
शीर्ष अदालत ने लिया था स्वतः संज्ञान
2023 में शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान लेकर शनिवार को विशेष सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को यह तय करने के लिए कहा गया था कि कथित दुष्कर्म की शिकार एक महिला मांगलिक है या नहीं।15 अक्टूबर, 2022 को इस मामले पर हुई थी सुनवाई
जस्टिस एमआर शाह और बेला एम त्रिवेदी की एक विशेष पीठ ने 15 अक्टूबर, 2022 (शनिवार) को सुनवाई की थी। इसने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को प्रतिबंधित माओवादी विद्रोहियों से जुड़े एक मामले में आरोप मुक्त करने के बांबे हाई कोर्ट के फैसले को निलंबित कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने रविवार को भी की थी सुनवाई
13 नवंबर, 2021 (शनिवार) को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने विशेष सुनवाई की थी। इस दौरान शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सामान्य करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को आपातकालीन उपाय करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने रविवार को भी सुनवाई की है।देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण मामले में रविवार को हुई थी सुनवाई
24 नवंबर, 2019 (रविवार) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के खिलाफ कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना द्वारा दायर एक याचिका पर तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की।- 20 अप्रैल, 2019 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के पीछे एक बड़ी साजिश की जांच के लिए विशेष सुनवाई की।
- 2020 में शीर्ष अदालत ने रविवार को पत्रकार विनोद दुआ की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उनके खिलाफ राजद्रोह के मामले को रद करने की मांग की गई थी।