दिल्ली-एनसीआर में घुटता दम, एक्शन में सुप्रीम कोर्ट; सुनाए एक के बाद एक कई बड़े फैसले
Delhi Pollution Crisis राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदुषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है। केंद्र से लेकर राज्य तक की सरकारें इसे रोकने में नाकाम रहीं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने हाथ में लेते हुए सोमवार को फैसले प्रदुषण रोकने को लेकर एक के बाद एक कई अहम निर्देश दिए। पढ़ें कोर्ट ने सुनवाई में क्या-क्या कहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्थिति में पहुंच चुके वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की ओर से गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएक्यूएम ) को फिर जमकर फटकार लगाई और कहा अब बगैर उनकी अनुमति के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से ग्रैप-4 नहीं हटेगा। भले ही एक्यूआई 450 से नीचे आ जाए।
इसके साथ ही वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने दिल्ली -एनसीआर के 12 वीं तक के स्कूलों को बंद करने के भी आदेश दिए। दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति आंगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई करते हुए ग्रैप के अमल पर भी सवाल उठाए है और दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम से पूछा कि जब 13 नवंबर को एक्यूआई 401 पहुंच गया था तो फिर ग्रैप-3 को लागू करने में तीन से चार दिन की देरी क्यों की गई।
कोर्ट ने पूछे सवाल
इस पर दिल्ली सरकार व सीएक्यूएम ने बताया कि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तेज हवाओं के चलने का पूर्वानुमान लगाया था। ऐसे स्थिति में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन जब इनमें सुधार नहीं दिखा तो इसे 15 नवंबर से लागू कर दिया गया। हालांकि अमाइकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने बताया कि ग्रेप प्रतिबंधों पर ठीक से अमल भी नहीं किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम को निर्देश दिया है कि वह 22 नवंबर को कोर्ट को अमल को लेकर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करें। साथ ही बताए कि ग्रैप-4 के तहत क्या कदम-कदम उठाए गए है।
22 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
इसके साथ ही मामले की अगुवाई सुनवाई अब 22 नवंबर को होगी। दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 को 18 नवंबर से लागू किया गया है, जिसमें सभी तरह के निर्माण पर रोक है। कोर्ट ने इस बीच सीएक्यूएम को हिदायत की कि एक्यूआई अब भले ही 450 से नीचे आ जाए, लेकिन ग्रैप-4 पर से प्रतिबंध उसकी अनुमति के बगैर नहीं हटेगा, जिसमें निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक के साथ बारहवीं तक के स्कूल भी बंद ही रहेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर यह सुनवाई अमाइकल क्यूरी की ओर से 14 नवंबर को इस मुद्दे को तत्काल सुनने की मांग के बाद की थी, जिसमें उन्होंने तेजी बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग रखी थी। कोर्ट ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम को निर्देश दिया कि उन्हें एक्यूआई को कम करने और लोगों को साफ हवाएं मुहैया कराने के लिए जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। गौरतलब है कि अकेले दिल्ली में वायु गुणवत्ता को जांचने के लिए करीब 40 स्टेशन है। हालांकि इनमें से मौजूदा समय में मौजूदा समय मे 39 ही काम कर रहे हैं।
क्या है ग्रैप
दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को ठीक रखने के लिए केंद्र सरकार से जुड़े सीएक्यूएम ने ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) तैयार किया है, जिसमें वायु गुणवत्ता जैसी ही खराब होती है, ग्रैप स्वत: लागू हो जाता है।ग्रैप कब लागू होता है
- ग्रैप-1 - एक्यूआई 201-300
- ग्रैप-2 - एक्यूआई 301-400
- ग्रैप-3 - एक्यूआई 401-450
- ग्रैप-4 - एक्यूआई 450 से ज्यादा