Shiv Sena Row: फिलहाल शिंदे गुट ही 'शिवसेना', सुप्रीम कोर्ट से उद्धव कैंप को झटका
Shiv Sena Row सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने शिंदे गुट नोटिस जारी किया है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 22 Feb 2023 04:48 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फिलहाल एकनाथ शिंदे गुट को राहत मिली है। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां पर 2 हफ्ते के लिए सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने दोनों गुटों (शिंदे गुट और चुनाव आयोग) से जवाब मांगा है।
'EC के फैसले पर रोक नहीं'
कोर्ट ने कहा कि हम इस समय फैसले पर रोक नहीं लगा सकते हैं। आपको बता दें कि शिवसेना विवाद को लेकर चुनाव आयोग से एकनाथ शिंदे को राहत मिली थी। आयोग ने अपने फैसले में एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम और धनुष-तीर चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।Supreme Court refuses to stay Election Commission's order and says "We cannot stay an order at this stage". SC clarifies Uddhav Thackeray camp can pursue other remedies of law if any action is taken which is not based on the EC order.
SC lists the matter after 2 weeks#ShivSena
— ANI (@ANI) February 22, 2023
उद्धव के पास मशाल चुनाव चिह्न
उद्धव ठाकरे को कोर्ट से राहत तो नहीं मिली, लेकिन उनके पास फिलहाल 'मशाल' चुनाव चिह्न है। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम आवंटित करने का फैसला दिया था, जबकि उद्धव ठाकरे को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम बरकरार रखने का आदेश दिया था।उद्धव ठाकरे की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से बार बार चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने या यथास्थिति कायम रखने का आदेश लगाने की मांग की। सिब्बल ने कहा कि शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने के चुनाव आयोग के आदेश के बाद उन लोगों ने पार्टी कार्यालयों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। संसद में स्थिति शिवसेना के पार्टी कार्यालय पर उन लोगों ने कब्जा कर लिया है। अगर कोर्ट आदेश पर अंतरिम रोक नहीं लगाएगा, तो वे लोग पार्टी के खाते और संपत्तियों पर भी कब्जा कर लेंगे।
कोर्ट ने कहा कि वह अभी आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते। दूसरे पक्ष को सुने बगैर अंतरिम रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता। अभी वह अंतरिम रोक की मांग पर भी नोटिस जारी कर रहे हैं।Shiv Sena: असली शिवसेना की लड़ाई में आखिर कैसे शिंदे गुट ने मारी बाजी, चुनाव आयोग ने ऐसे लिया फैसलाMaharashtra: एकनाथ शिंदे ने बुलाई शिवसेना की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, नए पदाधिकारी होंगे नियुक्त