राघव चड्ढा के निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख, राज्यसभा सचिवालय को नोटिस भेज मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की है और मामले में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की सहायता मांगी है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 16 Oct 2023 03:31 PM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के निलंबन मामले में अब सु्प्रीम कोर्ट ने रुख किया है। SC ने निलंबन मामले पर राज्यसभा सचिवालय को नोटिस भेजा है और उनसे जवाब मांगा है। बता दें कि अदालत ने मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की है और मामले में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की सहायता मांगी है।
क्या है मामला?
दरअसल, आप सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। 5 सांसदों ने विशेषाधिकार के उल्लंघन को लेकर राघव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। आप नेता पर दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया है।
चड्ढा को तब तक के लिए निलंबित कर दिया गया है जब तक उनके खिलाफ मामले की जांच कर रही विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती। निलंबन का प्रस्ताव भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने पेश किया, जिन्होंने चड्ढा की कार्रवाई को 'अनैतिक' बताया।
राघव के वकील ने दी सफाई
सीजेआई डी.वाई. की अध्यक्षता वाली पीठ चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने उच्च सदन सचिवालय को नोटिस जारी किया और 30 अक्टूबर तक जवाब मांगा। सुनवाई के दौरान, चड्ढा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि इस मामले में "राष्ट्रीय महत्व" का मुद्दा शामिल है और राज्यसभा के सभापति जांच लंबित रहने तक सदन के किसी सदस्य को निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते। विशेष रूप से, जब विशेषाधिकारों पर एक समिति पहले से ही जांच से वंचित है।
चयन समिति में अपना नाम शामिल करने से पहले पांच राज्यसभा सांसदों की सहमति नहीं लेने के आरोप में अगस्त में निलंबित किए जाने के बाद पिछले हफ्ते चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।