सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताने पर मुश्किल में फंसे उदयनिधि स्टालिन, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सनातन धर्म पर विवादित बयान देने को लेकर तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को नोटिस जारी किया है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि जिस तरह डेंगू-मलेरिया का विरोध करना ही ठीक नहीं रहता बल्कि इसे खत्म करना भी जरूरी होता है। उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध ही नहीं करना चाहिए बल्कि इसे खत्म भी करना चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 22 Sep 2023 12:39 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर विवादित बयान देने को लेकर तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) को नोटिस जारी किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सनातन धर्म के विरोध में उदयनिधि और ए राजा के बयान के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है। अदालत का कहना है कि वह इस मामले को हेट स्पीच पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ सुनेगी। जस्टिस जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बी जगन्नाथ की तरफ से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।
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इन लोगों को भी शीर्ष अदालत ने जारी किया नोटिस
शीर्ष अदालत ने उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ डीएमके सांसद ए राजा, सांसद थिरुमावलवन, सांसद सु वेंकटेशन, तमिलनाडु के डीजीपी, ग्रेटर चेन्नई पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह मंत्रालय, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पीके शेखर बाबू, तमिलनाडु राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पीटर अल्फोंस और अन्य को भी नोटिस जारी किया है।
चेन्नई के एक वकील ने याचिका दायर कर मांग की है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए।
उदयनिधि स्टालिन कौन हैं?
उदयनिधि स्टालिन मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। वे तमिलनाडु के खेल और युवा कल्याण मंत्री भी हैं। उनकी पार्टी का नाम डीएमके है।