Article 370 Verdict: मोदी सरकार के एक और फैसले पर 'सुप्रीम' मुहर, SC ने कहा- आर्टिकल 370 हटाना सही
Article 370 Verdict Live सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र के फैसले पर सवाल उठाना उचित नहीं है। राष्ट्रपति द्वारा लिया गया फैसला वैध है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 11 Dec 2023 11:41 AM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र के फैसले पर सवाल उठाना उचित नहीं है।
सीजेआई ने कहा कि राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिया गया हर निर्णय चुनौती के अधीन नहीं है। इससे अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी और राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा।
अभिन्न अंग है जम्मू-कश्मीर- CJI
अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर के संघ के साथ संवैधानिक एकीकरण के लिए था और यह विघटन के लिए नहीं था और राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है।आर्टिकल 370 को हटाना संवैधानिक तौर पर सही- CJI
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने का फैसला बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि 370 को हटाना संवैधानिक तौर पर सही है। राष्ट्रपति के पास फैसले लेने का अधिकार है।
आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जज संजय किशन कौल, जज संजीव खन्ना, बीआर गवई और जज सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को रद करने वाले केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।- सीजेआई ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा लिया गया फैसला वैध है। भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।
- CJI ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश भारत के राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है।
- सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
- सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चुनाव आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए।
- सीजेआई ने कहा कि राष्ट्रपति के लिए जरूरी नहीं कि जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश पर ही 370 पर कोई आदेश जारी करें।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त होने की अधिसूचना जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है।